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कवित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की जेल में अच्छे आचरण के चलते शासन ने समय पहले रिहाई के दिए आदेश मृतिका की बहन को एतराज लिखा राष्ट्रपति को पत्र

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उत्तरप्रदेश:कवित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में जेल में सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को अच्छे आचरण के चलते बाकी सजा को माफ कर दिया है।दोनो पति पत्नी को शासन ने रिहा करने के आदेश जारी कर दिए है।वह 20 वर्षो से अधिक जेल में सजा भुगत रहे थे।वही दोनो की सजा माफ की खबर आने के बाद मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने राष्ट्रपति को खत लिख कर किसी प्रकार की राहत ना देने का अनुरोध किया है।

मृतिका मधुमिता शुक्ला

बता दे कि 20 वर्ष पूर्व राजधानी लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में कवित्री मधुमिता शुक्ला की उस समय गोली मार कर हत्या कर दी गई थी जब वह 7 माह की गर्भवती थी।इस मामले में पुलिस द्वारा जांच में पांच लोगो को आरोपी बनाया गया था।जिसमे तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी में मंत्री अमरमणि त्रिपाठी,उसकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी,भतीजे रोहित मणि, पवन पांडे और संतोष पांडे के नाम शामिल थे।यह मामला पुलिस के बाद सीबीसीआईडी को सौप दिया गया था।सीबीसीआईडी ने 20 दिनों की जॉच करने के बाद सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौप दिया।

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अमरमणि त्रिपाठी पूर्वी मंत्री

सीबीआई ने अपनी जांच के बाद अमरमणि और उसकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को मुख्य दोषी करार देते हुए उनके विरुद्ध अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।जिसके बाद मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने तत्कालीन मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के रसूख और दबंगई का हवाला देते हुए केस को प्रभावित किए जाने की शंका के चलते  सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कैस को किसी अन्य राज्य में ट्रांसफर करने की गुहार लगाई जिसके बाद इस मर्डर केस को वर्ष 2005 में उत्तराखंड के देहरादून की सेशन कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट ने केस ट्रांसफर कर दिया।सेशन कोर्ट देहरादून में दो वर्ष चले इस केस में 2007 को पांचों आरोपियों को उम्र उम्र कैद की सजा सुनाई गई।इस सजा को अमरमणि ने नैनीताल हाईकोर्ट में चैलेंज किया ।परन्तु उसे वहां से कोई रिलीव नही मिल पाया और सजा बरकरार रही।फिर उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां से भी उसकी सजा को बरकरार रखा गया।जिसके बाद वह गोरखपुर जेल में सजा काट रहे थे।

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बता दे कि सुप्रीम कोर्ट से 18 अगस्त को अमरमणि व मधुमणि को समय से पूर्व रिहाई देने के आदेश जारी हुए थे।24 अगस्त को शासन ने दोनो की समय से पहले रिहाई का आदेश जारी किया।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आदेश जारी होने से एक दिन पहले मृतिका की बहन निधि ने राष्ट्रपति को पत्र लिख अमरमणि और उसकी पत्नी मधुमणि की सजा माफ न करने की गुहार लगाई है।निधि ने कहा कि  अमरमणि व उसकी पत्नी ने 60 फीसदी से अधिक का समय जेल से बाहर अस्पताल में गुजारा है।ऐसे में इस कुख्यात अपराधी की सजा माफी नहीं होनी चाहिए।