उत्तराखंडकुमाऊंनैनीताल

बेटे का फर्ज़ निभाते हुए दो बेटियों ने पिता की चिता को दी मुखाग्नी।

ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी (उत्तराखंड):नैनीताल जनपद के रानीबाग स्तिथ चित्रशिला घाट पर रूढ़िवादी परंपरा को ताक पर रखते हुए दो साहसी बेटियों ने हिन्दू रीति रिवाज़ का पालन करते हुए अपने पिता की अर्थी को कांधा देने के बाद पिता की चिता को मुखाग्नी दी,और पुत्र धर्म निभाया।जिसके बाद बेटियों के इस साहसिक कार्य की हर कोई प्रशंसा कर रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उत्तराखंडवासियो एवं राज्य में बाहर से आने वाले पर्यटको से किये गए नौ आग्रह के अनुपालन एवं प्रभावी क्रियान्वयन हेतु निर्देश जारी किये


बता दे कि मिठाई विक्रेता लालकुआँ निवासी कृष्णानंद खोलिया(58)का लम्बी बिमारी के चलते सोमवार को देहांत हो गया था।कृष्णानंद के परिवार मे उनकी पत्नी शोभा खोलिया और उनकी दो बेटियाँ हैं सोनू और तारा,जबकि उनका कोई बेटा नही है।हिन्दू धर्म के अनुसार बेटा ही अपने पिता की चिता को मुखाग्नी देता है।बावजूद इसके कृष्णानंद का देहांत होने के बाद बेटे का धर्म निभाते हुए अविवाहित दोनो बेटियाँ  सोनू और तारा ने अपने पिता अर्थी को कांधा दिया।बल्कि रानीबाग स्थित चित्रशाला घाट पर हिन्दू रीति रिवाज़ का अनुसरण करते हुए चिता को मुखाग्नी भी दी।इस दौरान चित्रशिला घाट पर मौजूद लोगो की आँखे नम हो गयी।