
रामनगर। तीन साल बीत जाने के बाद भी अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय की किरण नज़र नहीं आने से आक्रोश चरम पर है। इसी कड़ी में 18 सितम्बर को रामनगर के लखनपुर चौक पर प्रदर्शनकारियों ने उत्तराखंड सरकार का पुतला दहन किया और इस जघन्य हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने के साथ-साथ घटना से जुड़े वीवीआईपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
सभा में वक्ताओं ने सवाल उठाया कि आखिर कब तक सत्ता के संरक्षण में बैठे अपराधी कानून से बचते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अंकिता और उसके परिवार को अब तक पूरा न्याय नहीं मिला है, क्योंकि इस कांड के असली गुनहगार – वह वीवीआईपी – आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। आरोप है कि देह व्यापार में धकेले जाने से इंकार करने पर अंकिता की बेरहमी से हत्या कर दी गई, लेकिन व्यवस्था आज भी आरोपियों को बचाने में जुटी है।
वक्ताओं ने देशभर की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि जसपुर की 13 वर्षीय बच्ची की हालिया हत्या हो, पिथौरागढ़ की मासूम परी को न्याय न मिलना हो, या फिर बीएचयू की छात्रा से बलात्कार के आरोपी भाजपा आईटी सेल कार्यकर्ताओं को जमानत – हर जगह बेटियां असुरक्षित हैं और अपराधियों को सत्ता का संरक्षण मिल रहा है।
प्रदर्शन में इंकलाबी मज़दूर केंद्र के रोहित रुहेला, भुवन आर्या, उबैदुल हक, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के मो. आसिफ, लालमणि, किरन आर्या, चिंताराम, सुनील पर्नवाल और प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की गीता आर्या सहित कई संगठन और कार्यकर्ता शामिल रहे।
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