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अंतर्राज्यीय सहयोग से वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा

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  1. अंतर्राज्यीय सहयोग से मजबूत होगा वन्यजीव संरक्षण
  2. कोटद्वार में वन प्रभागों की संयुक्त बैठक, वन्यजीव अपराध नियंत्रण पर मंथन
  3. कालागढ़–कार्बेट–लैंसडौन–बिजनौर वन प्रभागों ने बनाई साझा रणनीति
  4. सीमावर्ती क्षेत्रों के समन्वय से सुदृढ़ होगी वन्यजीव सुरक्षा
  5. अंतर्राज्यीय समन्वय से अपराधियों पर कसेगा शिकंजा

कोटद्वार।कोटद्वार स्थित रिसेप्शन सेंटर में कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग लैंसडौन, कार्बेट टाइगर रिजर्व रामनगर (नैनीताल), लैंसडौन वन प्रभाग कोटद्वार और बिजनौर वन प्रभाग नजीबाबाद के अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित हुई। बैठक का उद्देश्य अंतर्राज्यीय सहयोग और समीकरण स्थापित कर वन्यजीव संरक्षण को मजबूत करना तथा वन्यजीव अपराध नियंत्रण के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करना रहा।

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बैठक में सीमावर्ती वन क्षेत्रों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करने और समूह के रूप में कार्य करते हुए वन्यजीव सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि साझा प्रयासों से संरक्षण और अपराध नियंत्रण के प्रयास और प्रभावी होंगे।

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इस बैठक में जीवन मोहन दगाडे (उप वन संरक्षक, लैंसडौन वन प्रभाग कोटद्वार), तरुण श्रीधर (उप वन संरक्षक, कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडौन), राहुल मिश्रा (उप-निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व रामनगर), अभिनव राज (उप वन संरक्षक, बिजनौर वन प्रभाग नजीबाबाद), बिंदर पाल (उप-प्रभागीय वनाधिकारी, कालागढ़ कार्बेट टाइगर रिजर्व), शिप्रा वर्मा (उप-प्रभागीय वनाधिकारी, अदनाला/सोनानदी कालागढ़ टाइगर रिजर्व), अरनब बोरा (निरीक्षक, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, वीसी माध्यम से), नंदकिशोर रूवाली (वन क्षेत्राधिकारी, कालागढ़/झिरना कार्बेट टाइगर रिजर्व), आशीष मोहन तिवारी (वन क्षेत्राधिकारी, पाखरौ) सहित लगभग 20 सदस्य एवं मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।