
रामनगर।लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जहां नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, वहीं जंगलों और वन्यजीव अभयारण्यों पर भी इसका गंभीर असर देखा जा रहा है। इसी हालात को देखते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर आज एक अहम बैठक की।

बैठक की अध्यक्षता रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने की। इस दौरान उप निदेशक राहुल मिश्रा, पार्क वार्डन अमित ग्वासीकोटी, एवं अन्य अधिकारी प्रत्यक्ष व ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।

बैठक में दिए गए अहम निर्देश:
संवेदनशील चौकियों में खाद्य सामग्री और मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित।
किसी भी क्षतिग्रस्त या भूस्खलन संभावित भवन को तुरंत खाली कर स्टाफ को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के आदेश।
सभी चौकियों और रेंजों को हाई अलर्ट पर रहने और वायरलेस सेट सक्रिय रखने के निर्देश।
प्रतिदिन चौकियों की स्थिति की निगरानी रिपोर्ट सीधे निदेशक को भेजने की अनिवार्यता।
ग्रामीण (गैर संरक्षित) क्षेत्रों में भी यदि तत्काल मदद की ज़रूरत हो, तो प्रशासन/पुलिस को बिना देरी सहायता उपलब्ध कराना।

डॉ. बडोला ने अधिकारियों व कर्मचारियों को साफ हिदायत दी कि—

“यह आपदा का समय अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, ऐसे में सबसे पहले खुद सुरक्षित रहना जरूरी है। सभी अधिकारी-कर्मचारी आपसी समन्वय और सतर्कता के साथ कार्य करें ताकि वन और वन्यजीवों के साथ-साथ स्टाफ भी सुरक्षित रह सके।”
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