
उत्तरकाशी।उत्तरकाशी के धराली, हर्षिल और मुखबा की वादियां, जो कुछ ही दिनों पहले आपदा के कहर से थर्रा उठी थीं, आज तिरंगे की शान में झूम उठीं। मलबे और मलिनता के बीच, उम्मीद और हौंसले का रंग बिखेरते हुए, यहां के लोगों ने अदम्य साहस के साथ 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरी गरिमा और जोश के साथ मनाया।

सुबह 9 बजे जैसे ही तिरंगा आसमान में लहराया और राष्ट्रगान की गूंज पहाड़ों में गूंजी, आंखों में आंसू और दिलों में गर्व का सैलाब उमड़ पड़ा। आपदा राहत कार्यों में जुटे पुलिस बल, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवान भी इस क्षण में शामिल होकर मानो कह रहे थे— देश के प्रति प्रेम, किसी विपत्ति से कम नहीं होता।

स्थानीय नागरिकों, युवाओं और बुजुर्गों ने अपने टूटे-फूटे घरों के बीच भी इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। वक्ताओं ने कहा,
“आपदा ने हमारी ज़मीन को हिला दिया होगा, लेकिन हमारी आत्मा और देशभक्ति को नहीं तोड़ पाई।”

कार्यक्रम का समापन शांति, समृद्धि और पुनर्निर्माण के संकल्प के साथ हुआ— वादा कि यह धरती फिर खिलेगी, यह वादियां फिर मुस्कुराएंगी, और तिरंगा यूं ही सदियों तक लहराता रहेगा।

इस अवसर पर गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल, तहसीलदार सुरेश सेमवाल सहित कई अधिकारी और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट:कीर्ति निधि साजवान,उत्तरकाशी।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें
👉 हमारे फ़ेसबुक पेज को लाइक/फॉलो करें







