
उत्तरकाशी। आपदाग्रस्त उत्तरकाशी जिले के हर्षिल क्षेत्र से आखिरकार राहत की बड़ी खबर सामने आई है। हर्षिल हेलीपैड पर बनी अस्थायी झील को सफलतापूर्वक पंचर कर दिया गया है। झील से अब लगातार पानी का रिसाव हो रहा है, जिससे आसपास के इलाकों पर मंडरा रहा बड़ा खतरा टल गया है। इस झील की वजह से गंगोत्री हाईवे पूरी तरह जलमग्न हो गया था, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई थी।
कैसे बनी झील?
दरअसल, 5 अगस्त को आए खीरगंगा सैलाब ने धराली बाजार को पूरी तरह तबाह कर दिया था। भारी तबाही के बीच भागीरथी नदी का प्रवाह रुक गया और हर्षिल हेलीपैड पर अस्थायी झील बन गई। तब से यह झील पूरे इलाके के लिए भय का कारण बनी हुई थी।
12 दिन की मशक्कत के बाद मिली सफलता
पिछले 12 दिनों से उत्तराखंड जल विद्युत निगम, सिंचाई विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य विभागों की टीमें दिन-रात जुटी रहीं। उनकी मेहनत आखिरकार रंग लाई। जैसे ही झील से पानी का बहाव शुरू हुआ, उसकी रफ्तार ने साफ दिखा दिया कि झील में कितनी खतरनाक मात्रा में पानी भरा हुआ था। यदि समय रहते इसे पंचर न किया जाता तो लगातार बारिश से हालात और बिगड़ सकते थे।
जिलाधिकारी रहे ‘ग्राउंड जीरो’ पर तैनात
स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य खुद मौके पर डटे रहे और पल-पल झील की स्थिति पर नज़र बनाए रखी।
अब भी जारी है तलाश
हालांकि राहत की यह खबर कुछ सुकून ज़रूर देती है, लेकिन धराली आपदा का दर्द अब भी बाकी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 66 लोग लापता हैं, जिनमें 24 नेपाली मज़दूर और 9 आर्मी के जवान शामिल हैं। उनकी तलाश में सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।
रिपोर्ट:कीर्ति निधि सजवान, उत्तरकाशी।
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