
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नई दिल्ली में PHD चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 120वें वार्षिक सत्र में हुए शामिल
- औद्योगिक विकास और निवेश के क्षेत्र में उत्तराखंड देश का अग्रणी राज्य बनेगा—मुख्यमंत्री धामी
- उत्तराखंड में ₹3.56 लाख करोड़ के निवेश समझौते, 1 लाख करोड़ के प्रस्तावों पर काम शुरू
- मुख्यमंत्री बोले — “राज्य में उद्योगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, 30 से अधिक नीतियों से निवेश को गति”
- उत्तराखंड में काशीपुर, सितारगंज, पंतनगर और रुद्रपुर में नए औद्योगिक पार्क और टाउनशिप विकसित
- उत्तराखंड ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में अचीवर्स और ‘स्टार्टअप रैंकिंग’ में लीडर राज्य
- सरकार का लक्ष्य — उत्तराखंड को देश का अग्रणी ‘इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली स्टेट’ बनाना
- “उत्तराखंड में यू-हब और ₹200 करोड़ का वेंचर फंड स्टार्टअप्स को नई उड़ान देगा”—सीएम
- किच्छा में 1000 एकड़ में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप की दिशा में तेजी से काम
- रुद्रपुर, सेलाकुई, हरिद्वार में MSME उद्यमियों के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ फ्लैटेड फैक्ट्रियां तैयार
- देहरादून में 28 से 30 नवंबर 2025 तक आपदा प्रबंधन पर विश्व शिखर सम्मेलन (WSDM)
नई दिल्ली/देहरादून।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज नई दिल्ली में PHD चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 120वें वार्षिक सत्र में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों व विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधिगणों का स्वागत करते हुए कहा कि PHD चैंबर ने बीते 120 वर्षों में देश की आर्थिक प्रगति, औद्योगिक विकास और उद्यमशीलता की भावना को सशक्त करने में जो भूमिका निभाई है, वह अतुलनीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम इस महत्वपूर्ण सत्र में “भारत की एक विश्वसनीय वैश्विक साझेदार के रूप में उभरती भूमिका” और उसमें उत्तराखंड राज्य के योगदान जैसे विषय पर सार्थक विचार-विमर्श के लिए एकत्र हुए हैं। किसी भी देश की आर्थिक प्रगति में उद्योगों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्योग न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न करते हैं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के जीवन स्तर को सुधारने में भी अपनी भूमिका निभाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश के उद्योगपति, उद्यमी और नीति-निर्माता एक साथ राष्ट्र उत्थान पर चिंतन और मंथन के लिए जुटते हैं, तो उसका प्रभाव केवल उद्योग जगत तक सीमित नहीं रहता, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण और राष्ट्र के समग्र विकास का मार्ग भी प्रशस्त करता है। यह कॉन्क्लेव केवल उद्योग जगत का सम्मेलन भर नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक शक्ति, सांस्कृतिक चेतना और वैश्विक नेतृत्व की नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला मंच है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की नीति ने भारत को नई दिशा प्रदान की है। आज भारत में न केवल निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय जैसे क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन आया है। मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया और इस संकल्प को साकार करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम खड़ा करने वाला देश बन चुका है। आज विश्व के बड़े देश यह देखकर अचंभित हैं कि भारत में सब्जी की एक छोटी सी दुकान लगाने वाली महिला भी UPI के माध्यम से मोबाइल से पेमेंट का लेनदेन कर रही है।
देश के 55 करोड़ से अधिक लोग बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ चुके हैं। कृषि, रक्षा, चिकित्सा, ऊर्जा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अनुसंधान—हर क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बनकर नए आयाम स्थापित कर रहा है। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और आने वाले समय में तीसरे स्थान पर पहुँचने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है।
जो देश पहले भारत को केवल उपभोक्ता बाजार के रूप में देखते थे, अब वही भारत की प्रौद्योगिकी और नवाचार की क्षमता को चुनौती के रूप में देखने लगे हैं। भारत अब केवल सामान आयात करने वाला देश नहीं रहा, बल्कि निर्यात, विनिर्माण और तकनीकी विकास में विश्व का अग्रणी साझेदार बन गया है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी यह स्वीकार किया है कि “भारत 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा और आज भारत वैश्विक निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद गंतव्य बन चुका है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जहाँ एक ओर ‘स्वदेशी अपनाओ’ के मंत्र के साथ आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त बना रहे हैं, वहीं नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधारों के माध्यम से नागरिकों और व्यापारियों को नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया, जिसमें 3.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश समझौते हुए। इनमें से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर कार्य शुरू हो चुका है। सरकार ने निवेशक केंद्रित नीतियों, बुनियादी ढांचे, कुशल जनशक्ति और सुशासन के माध्यम से स्वस्थ निवेश वातावरण बनाया है।

पहले जहां उद्योगों की स्वीकृति में लंबी प्रक्रिया होती थी, वहीं अब सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और MSME नीति सहित 30 से अधिक नीतियों से निवेश को गति दी गई है।
विनिर्माण क्षेत्र के बड़े उद्यमों के लिए मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी लागू की गई है। स्टार्टअप्स के लिए 60 करोड़ की लागत से यू-हब की स्थापना और 200 करोड़ रुपये का वेंचर फंड बनाया गया है। यूके-स्पाइस नाम से निवेश प्रोत्साहन एजेंसी बनाई गई है, जो निवेशकों को ‘निवेश मित्र’ सुविधा दे रही है।
राज्य में काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क और रुद्रपुर, सेलाकुई, हरिद्वार में MSME उद्यमियों के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ फ्लैटेड फैक्ट्रियां विकसित की जा रही हैं। किच्छा में 1000 एकड़ भूमि पर स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप पर तेजी से कार्य चल रहा है।
इसके अतिरिक्त, औद्योगिक कर्मियों के लिए “रेंट बेस्ड एकोमोडेशन” सुविधा विकसित की जा रही है। “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के तहत राज्य के सभी आर्गेनिक उत्पादों को एक मंच पर लाया जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद वैश्विक पहचान बना रहे हैं।
सरकार “मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस” की अवधारणा को मूर्त रूप दे रही है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से 10 हजार से अधिक नए उद्यमियों को लाभान्वित किया गया है। 260 से अधिक व्यावसायिक सेवाएं पूर्णतः ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा चुकी हैं।
इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को “अचीवर्स” और स्टार्टअप रैंकिंग में “लीडर्स” श्रेणी प्राप्त हुई है। राज्य निवेश के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है और सरकार उत्तराखंड को देश का सबसे निवेश-अनुकूल राज्य बनाने के लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर है।
देहरादून में 28 से 30 नवंबर 2025 तक आपदा प्रबंधन पर विश्व शिखर सम्मेलन (WSDM) आयोजित होगा, जिसमें वैश्विक नेता और विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करेंगे। इस प्री-समिट का उद्देश्य आपदाओं से निपटने के लिए नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम में हेमंत जैन अध्यक्ष PHDCCI, अनिल गुप्ता, राजीव जुनेजा उपाध्यक्ष PHDCCI, संजीव अग्रवाल पूर्व अध्यक्ष PHDCCI, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि व उद्योगपति, यू कास्ट महानिदेशक दुर्गेश पंत उपस्थित रहे।
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