
देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी नौकरी पाने की आस रखने वाले बेरोजगार युवाओं के लिए आज का दिन फिर एक विवाद में बदल गया। 21 सितंबर को आयोजित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ग्रुप-C परीक्षा के तीन पन्ने लीक होने की आशंका ने सवालों का तूफ़ान खड़ा कर दिया।

बेरोजगार संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि परीक्षा शुरू होने के महज 35 मिनट बाद हरिद्वार के एक केंद्र से पेपर का एक सेट लीक हो गया। संघ अध्यक्ष राम कंडवाल का कहना है कि जो पेपर बाहर आया, उसके और परीक्षा में आए पेपर का मिलान किया गया तो कई प्रश्न मेल खाते पाए गए।

आयोग के चेयरमैन गणेश शंकर मर्तोलिया ने पुष्टि करते हुए कहा कि परीक्षा से जुड़े तीन पन्ने बाहर आए हैं, लेकिन शुरुआती जांच में ये पन्ने पढ़ने योग्य नहीं पाए गए। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगे हुए थे, इसलिए यह चिंता का विषय है कि पन्ने बाहर कैसे पहुंचे। आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है और सभी पहलुओं की गहन समीक्षा कर रहा है।

इसी बीच, पुलिस ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने बेरोजगार संघ अध्यक्ष बॉबी पंवार को हरिद्वार में अपने कार्यालय बुलाकर पूछताछ की। इस दौरान अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि सोशल मीडिया पर वायरल हुए ऑडियो और फोटो की सत्यता और सोर्सिंग का पता लगाया जा सके।
पुलिस का उद्देश्य इस मामले की तह तक जाना है और यह सुनिश्चित करना है कि कहीं तकनीकी या मानव त्रुटि के कारण ही दस्तावेज बाहर तो नहीं पहुंचे। फिलहाल SOG और आयोग दोनों मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं।
उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं की नजर अब आयोग और पुलिस द्वारा जल्द ही जारी होने वाले निष्कर्ष पर टिकी है, क्योंकि सरकारी नौकरी पाने का सपना अब गंभीर संकट में है।
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