
रामनगर। उत्तराखंड राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर रामनगर में समाजवादी लोक मंच द्वारा आयोजित जन-सम्मेलन में जनता ने एक स्वर में कहा कि “यह वो उत्तराखंड नहीं है, जिसके लिए 42 वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी, महिलाओं को अपमान झेलना पड़ा और हजारों लोग जेल की सलाखों के पीछे गए।”
रामनगर पायते वाली रामलीला मैदान में ललिता रावत और लक्ष्मी सिंह के संयुक्त संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में जन-गीतों और नारेबाजी के माध्यम से नए समाज बनाने का संकल्प व्यक्त किया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 1990 के दशक में राज्य निर्माण के दौरान उठाए गए सवाल आज भी जस के तस बने हुए हैं। नौजवानों को रोजगार के अवसर देने के बजाय सरकार पेपर लीक और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दे रही है। भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े दल जनता की समस्याओं के समाधान की जगह लूट-खसोट और अवसरवाद में लगे हुए हैं। यशपाल आर्य, सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा, रेखा आर्य और सरिता आर्य इसके साक्षात उदाहरण हैं।
वक्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रति व्यक्ति आय को 2.73 लाख रुपए बताने के बावजूद सामान्य परिवार की औसत आय के अनुसार भोजन माताओं को मात्र 36 हजार रुपए और आंगनबाड़ी व अन्य मजदूरों को 1.5 लाख सालाना वेतन क्यों दिया जाता है। जनता के बीच का पैसा राजनेताओं, मंत्रियों, अफसरों, ठेकेदारों और पूंजीपतियों की जेब में जा रहा है। देश में ऊपर के 1% अमीरों के पास 50% धन है, जबकि गरीब 50% आबादी मात्र 1% संपत्ति पर जीने को विवश है।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि पिछले 25 वर्षों में जल विद्युत परियोजनाओं, ऑल वेदर रोड और जंगली जानवरों के आतंक ने उत्तराखंड और उसके पर्यावरण को तहस-नहस कर दिया। 200 से अधिक वन ग्राम, गोठ और खत्तों को बुनियादी अधिकार जैसे पंचायत चुनाव, बिजली, पानी, सड़क और अस्पताल तक नहीं मिले हैं। 1,700 से अधिक गांव पलायन के कारण भूतहा हो चुके हैं।
भाजपा सरकार पर आरोप लगाया गया कि वह जन समस्याओं का समाधान करने की बजाय साम्प्रदायिकता बढ़ा रही है।
सम्मेलन में सभी प्रगतिशील और वामपंथी संगठनों, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और गरीबों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जंगली जानवरों से सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और भाईचारा बनाए रखने के लिए संघर्ष जारी रखने का आवाहन किया।
सभा को समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार, उपपा नेता पीसी जोशी, दिनेश उपाध्याय, जन कवि बल्ली सिंह चीमा, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष तरुण जोशी, सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष इस्लाम हुसैन, महिला एकता मंच की भगवती आर्य, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, भाकपा माले के अमन, अंजू, मेघा, माही, कैसर राना और वन ग्राम संघर्ष समिति सुंदरखाल के अध्यक्ष प्रेम राम ने संबोधित किया।
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