रामनगर। परिवर्तनकामी छात्र संगठन द्वारा काकोरी के शहीदों की याद में साझी शहादत साझी विरासत कार्यक्रम के तहत आज गुरुवार को रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी को श्रद्धांजलि दी गई।
लखनपुर चौक रामनगर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी गीत “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है” प्रस्तुत किया गया।
इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं द्वारा काकोरी कांड और आज़ादी के आंदोलन में क्रांतिकारियों की भूमिका पर विस्तार से बात की और नौजवानों से क्रांतिकारियों के विचारों पर चलने का आह्वान किया गया। वक्ताओं ने कहा कि शहीद क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल तथा अशफाक उल्ला खान की दोस्ती हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल है और 19 दिसंबर,1927 को हुई इनकी शहादत हमारे देश की साझी शहादत साझी विरासत को दर्शाती है।
वक्ताओं ने कहा कि आज कट्टरपंथी ताकतों द्वारा देश में हिंदू मुस्लिम वैमनस्य को बढ़ाया जा रहा है। पूरे समाज को नफरत की आग में झोंका जा रहा है। सत्ता एकदम नग्न रुप में पूंजीवादी रास्ते पर चल रही है और लोकतंत्र व संविधान को ख़त्म कर फ़ासीवादी तानाशाही कायम करने का षड़यंत्र हो रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि हमें धर्म के नाम पर आपस में बंटने के बजाय शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार की बात करनी होगी।
सभा में इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, भुवन आर्य, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की प्रभा देवी, चंद्रा देवी, तुलसी छिंवाल, गीता आर्य, महिला एकता मंच की कौशल्या, सरस्वती जोशी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के मो. आसिफ एवं परिवर्तनकामी छात्र संगठन के रवि, प्रीति, वैभव, राज, लवली, डोली इत्यादि ने भागीदारी की। सभा का संचालन परिवर्तनकमी छात्र संगठन के रामनगर सचिव रवि द्वारा किया गया।
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