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कार्बेट टाइगर रिज़र्व में दो दिवसीय विधिक कार्यशाला, वन्यजीव अपराधों की जाँच-पड़ताल पर मिला विशेष प्रशिक्षण

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रामनगर (नैनीताल)। कार्बेट टाइगर रिज़र्व के फील्ड डायरेक्टर के निर्देशन में 22 और 23 अगस्त 2025 को कार्बेट वन्यजीव प्रशिक्षण केंद्र, कालागढ़ में वन एवं वन्यजीव संरक्षण अधिनियमों के क्रियान्वयन और अपराधों की जाँच को लेकर दो दिवसीय विधिक (लीगल) कार्यशाला आयोजित की गई।

इस कार्यशाला में प्रशिक्षण केंद्र में मौजूद 36 प्रशिक्षणार्थियों के साथ ही ढिकाला, सर्पदुली, बिजरानी, ढेला, झिरना, कालागढ़ और एसओजी रेंज से आए कुल 24 वन दरोगा एवं वन आरक्षियों ने भाग लिया।

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अधिनियमों की धाराओं से लेकर अपराध जांच तक मिली गहन जानकारी

कार्यशाला का शुभारंभ 22 अगस्त को प्रातः 10:30 बजे प्रशिक्षण केंद्र निदेशक बिन्दर पाल ने किया।

वन दरोगा पार्वती नन्दन जोशी ने प्रतिभागियों को भारतीय वन अधिनियम 1927 एवं वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की महत्वपूर्ण धाराओं और अपराध पंजीकरण की प्रक्रिया से अवगत कराया।

वहीं एडवोकेट तरुण बिष्ट (रामनगर) ने वन एवं वन्यजीव अपराधों से जुड़े मामलों में जामा तलाशी, फर्द बरामदगी, बयान दर्ज करना, मौका नजरी नक्शा, सीजर रिपोर्ट, गिरफ्तारी, न्यायालयीन कार्यवाही आदि विषयों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

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फील्ड ट्रेनिंग: मौके पर अपराध सीन बनाकर कराया अभ्यास

दूसरे दिन 23 अगस्त को प्रतिभागियों को फील्ड ट्रेनिंग दी गई। इसके तहत 6 टीमें बनाई गईं और उन्हें अपराध स्थल (क्राइम सीन) तैयार कर मौके पर ही

अपराध पंजीकरण,

बयान दर्ज करना,

फर्द बरामदगी,

गिरफ्तारी इत्यादि की व्यावहारिक जानकारी दी गई।

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इसके बाद टीमों ने अपने फील्ड कार्य का प्रस्तुतीकरण किया, जिस पर एडवोकेट तरुण बिष्ट ने सुधारात्मक सुझाव दिए।


वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी और समापन

कार्यशाला के दौरान निदेशक बिन्दर पाल, वनक्षेत्राधिकारी इन्द्र सिंह बिष्ट, संकाय सदस्य मथुरा प्रसाद बिजल्वाण, अतिथि संकाय अथहर महमूद सिद्दीकी और सुनील कुमार (ब०आ०/का०प्र०) उपस्थित रहे।

अंत में प्रशिक्षु वन आरक्षी अक्षय कुमार ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व संकाय सदस्यों का आभार जताते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया।