
रामनगर।कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा को इंडियन वेटरिनरी एसोसिएशन ने “नेशनल को-कन्वीनर – वाइल्डलाइफ एंड ज़ू वेटरिनेरियन” के रूप में सम्मानित कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण और विशेषज्ञता को मान्यता देता है, बल्कि उत्तराखंड और कॉर्बेट लैंडस्केप के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के प्रति देश की सराहना का प्रतीक भी है।

डॉ. शर्मा का वन्यजीव चिकित्सा में दो दशकों से अधिक का अनुभव उन्हें इस क्षेत्र में एक अग्रणी हस्ती बनाता है। उन्होंने अब तक 200 से अधिक बाघों व गुलदारों के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया है, जिनमें से अधिकांश मिशन स्थानीय समुदायों और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई से पूरे किए गए।
उनकी विशेष भूमिका राणाजी टाइगर रिज़र्व में बाघों की आबादी सुदृढ़ करने हेतु 5 बाघों के सुरक्षित ट्रांसलोकेशन में रही है। यह परियोजना भारत में संरक्षित क्षेत्रों के बीच वन्यजीवों के वैज्ञानिक पुनर्वास का एक मॉडल केस बन चुकी है।

इस सम्मान पर कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला, उप निदेशक राहुल मिश्रा सहित समस्त स्टाफ ने उन्हें बधाई दी है। इस अवसर ने भारतीय पशु चिकित्सा क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार किया है।
इंडियन वेटरिनरी एसोसिएशन द्वारा दी गई यह राष्ट्रीय मान्यता, डॉ. शर्मा की तकनीकी दक्षता और दीर्घकालिक सेवाओं की पुष्टि है। आने वाले समय में यह सफलता देशभर के वन्यजीव चिकित्सकों और संरक्षणकर्ताओं के लिए एक प्रेरक प्रतीक बनेगी।
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