उत्तराखंडकुमाऊंनैनीतालपर्यटन

कॉर्बेट में अब सफारी जिप्सियों पर दिखेगी केवल ऑफिशियल वेबसाइट,फर्जीवाड़े पर गिरेगी गाज

ख़बर शेयर करें

रामनगर।कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सैलानियों को ठगी से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। फर्जी वेबसाइटों और ट्रैवल एजेंटों द्वारा पार्क बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद अब प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए निर्णायक कार्रवाई शुरू कर दी है।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि कुछ फर्जी वेबसाइटें खुद को कॉर्बेट पार्क की आधिकारिक साइट बताकर पर्यटकों से पैसे वसूल रही थीं। इन मामलों पर प्रशासन की कड़ी नजर है और ऐसी वेबसाइटों को चिन्हित कर ब्लॉक या डिलीट कराया जा रहा है। साथ ही संबंधित संचालकों पर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

यह भी पढ़ें 👉  पहाड़ का पानी, जवानी और परेशानी — अब भी अधूरी कहानी: राज्य आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
डॉ.साकेत बडोला,निदेशक,कॉर्बेट टाइगर रिजर्व।

उन्होंने साफ कहा कि भविष्य में कोई भी वेबसाइट जो आधिकारिक साइट corbettgov.org जैसी प्रतीत होगी, उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी। लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी निजी पोर्टल या एजेंट से बुकिंग न करें, बल्कि केवल सरकारी वेबसाइट से ही सफारी या अन्य सेवाओं की बुकिंग करें।

यह भी पढ़ें 👉  ईगास पर्व पर झूम उठा उत्तरकाशी — भैलो की लौ में नाची लोकसंस्कृति

डॉ. बडोला ने आगे बताया कि अब से पार्क में चलने वाली किसी भी जिप्सी पर निजी एजेंसी या वेबसाइट का नाम नहीं लिखा जाएगा। इसके स्थान पर केवल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की आधिकारिक वेबसाइट अंकित रहेगी, ताकि किसी भी प्रकार के भ्रम या ठगी से बचा जा सके।

प्रशासन ने चेतावनी दी है कि फर्जी वेबसाइटों से बुकिंग करने वाले सैलानियों को न केवल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है, बल्कि वे ठगी का शिकार भी बन सकते हैं। इसलिए सतर्क रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।

यह भी पढ़ें 👉  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित कर राज्य के 25 वर्षों के विकास और मातृशक्ति की भूमिका पर प्रकाश डाला

वर्तमान में कॉर्बेट पार्क में कुल आठ सफारी जोन — ढिकाला, बिजरानी, झिरना, ढेला, दुर्गादेवी, सोननदी, गर्जिया और पाखरो हैं। इनमें से कुछ जोन सालभर खुले रहते हैं, जबकि कुछ मानसून सीजन में बंद हो जाते हैं। इन इलाकों में रोज़ाना बड़ी संख्या में देश-विदेश के पर्यटक वन्यजीवों और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने पहुंचते हैं।