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क्लस्टर योजना के विरोध में सड़कों पर उतरीं भोजन माताएं, मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

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स्कूल मर्जर से गरीब बच्चों की शिक्षा पर संकट, रोजगार पर मंडराया खतरा

रामनगर।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उत्तराखंड में चल रही क्लस्टर योजना और स्कूल मर्जर के विरोध में मंगलवार को प्रगतिशील भोजन माता संगठन की महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। भोजन माताओं ने सरकार पर गरीब बच्चों से शिक्षा छीनने और बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

यह ज्ञापन उप खंड शिक्षा अधिकारी और उप जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया गया, जिसमें योजना को तुरंत रद्द करने की मांग की गई है। भोजन माताओं का कहना है कि यह योजना “गरीब विरोधी और शिक्षा विरोधी” है, जो निजी स्कूलों की लूट को बढ़ावा देगी।

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सभा के दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, जहाँ रास्ते जर्जर और दुर्गम हैं, ऐसे में 900 से अधिक स्कूलों को बंद कर क्लस्टर स्कूलों में विलय करना हजारों बच्चों, खासकर लड़कियों को स्कूल छोड़ने पर मजबूर करेगा।

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भोजन माताओं ने बताया कि क्लस्टर योजना के तहत छोटे बच्चों को 5 किलोमीटर दूर स्कूल भेजना, शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन है, जिसके अनुसार हर बच्चे के घर से एक किलोमीटर के दायरे में प्राथमिक स्कूल होना अनिवार्य है।

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि स्कूलों के बंद होने से शिक्षकों और कर्मचारियों के पदों में कटौती होगी तथा भोजन माताओं का रोजगार भी समाप्त हो जाएगा, जिससे प्रदेश में बेरोजगारी और बढ़ेगी।

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भोजन माताओं ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने को विवश होंगी।

विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन में विमला देवी, बबिता, गीता देवी, शोभा पांडे, कांति देवी, प्रेमा देवी, पार्वती देवी समेत बड़ी संख्या में भोजन माताएं शामिल रहीं।