
देहरादून। विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर संजय ऑर्थोपेडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर एक खास जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें 100 अचीवर्स ऑफ इंडिया से सम्मानित प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय ने गर्भावस्था में हेपेटाइटिस के खतरों को लेकर गंभीर चेतावनी दी।

“गर्भवती महिलाओं के लिए हेपेटाइटिस जानलेवा साबित हो सकता है”, डॉ. सुजाता संजय ने कहा। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी जैसे वायरल संक्रमण माँ से बच्चे में जन्म के समय भी फैल सकते हैं, जिससे नवजात की जान खतरे में पड़ सकती है।
🌍 दुनिया में हर 12 में से 1 व्यक्ति हेपेटाइटिस बी या सी से प्रभावित है, और हर साल करीब 10 लाख लोगों की जान इस बीमारी से जाती है। इसके बावजूद, 70–80% मामलों में कोई लक्षण न दिखने के कारण इसे “साइलेंट किलर” कहा जाता है।
🧬 हेपेटाइटिस के प्रकार और कारण
A और E: दूषित खाना व पानी
B, C, D: संक्रमित रक्त, सीरिंज, यौन संबंध, टैटू और असुरक्षित चिकित्सा प्रक्रियाएं
डॉ. संजय ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान हेपेटाइटिस सी सबसे खतरनाक माना जाता है। भारत में हर साल करीब 2.5 लाख लोग इस बीमारी की चपेट में आकर जान गंवाते हैं।
👶 बच्चों को बचाने के लिए क्या करें?
जन्म के 12 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी का टीका और इम्यूनोग्लोबुलिन इंजेक्शन देना जरूरी
स्तनपान जारी रखा जा सकता है
लक्षण न होने पर भी रूटीन ब्लड टेस्ट और स्क्रीङ्क्षनग जरूरी
🔍 लीवर की रक्षा = पूरे परिवार की सुरक्षा
“महिलाएं सिर्फ एक शरीर नहीं, पूरे परिवार की रीढ़ होती हैं,” डॉ. संजय कहती हैं। उन्होंने साफ कहा कि खराब खानपान, जीवनशैली और केमिकल युक्त खाने-पीने की चीजें लीवर पर सीधा असर डालती हैं, जिससे हेपेटाइटिस का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
💉 बचाव ही सबसे बड़ा इलाज
सुरक्षित ब्लड ट्रांसफ्यूजन
एक बार इस्तेमाल होने वाली सिरिंज
लाइसेंसी टैटू आर्टिस्ट का चयन
समय पर टीकाकरण और नियमित जांच
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें
👉 हमारे फ़ेसबुक पेज को लाइक/फॉलो करें







