उत्तराखंड

चमोली आपदा अलर्ट: थराली पर मंडरा रहा खतरा, दरारों ने बढ़ाई दहशत

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1.थराली में गहराता संकट: दरारों और मलबे से दहशत

  1. अस्पताल से लेकर तहसील तक आपदा की चपेट में
  2. तकनीकी सर्वे से खुलेगा खतरे का पूरा सच
  3. डीएम और एसपी ने किया निरीक्षण, लोगों को सतर्क रहने की अपील
  4. मालगाड़ गांव के 10 परिवार खतरे में, विस्थापन की मांग तेज

चमोली। 22 अगस्त की रात हुई मूसलधार बारिश ने थराली कस्बे को आपदा की जद में ला खड़ा किया है। भूस्खलन से जगह-जगह ज़मीन फट गई है, सड़कों और पहाड़ियों पर दरारें गहरी होती जा रही हैं। हालात ऐसे हैं कि स्थानीय लोगों में खौफ़ का माहौल है और अब प्रशासन भी मान चुका है कि हालात बेहद संवेदनशील हैं।

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थराली में तबाही का मंजर

भारी मलबे और दरारों ने कोटडीप, लोअर बाजार, राड़ीबगड़ और चेपड़ों को तबाह कर दिया। कई मकान मलबे में दब गए, चेपड़ों बाजार खंडहर में बदल गया। राड़ीबगड़ और कोटडीप की पहाड़ियों पर खतरनाक दरारें उभर आई हैं और लटकी चट्टानें किसी भी वक्त नीचे गिर सकती हैं।
थराली का अस्पताल, तहसील कार्यालय और एसडीएम आवास भी आपदा से प्रभावित हैं, जबकि जल संस्थान और सिंचाई विभाग के दफ्तर मलबे में दब चुके हैं।

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तकनीकी सर्वे की तैयारी

हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन अब भूवैज्ञानिकों, सिंचाई विभाग, पीएमजीएसवाई और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम से तकनीकी सर्वेक्षण कराने जा रहा है। इसका मकसद है असली खतरे का आकलन कर आगे की कार्रवाई तय करना।

अधिकारियों का दौरा, लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील

कर्णप्रयाग से जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने तहसील प्रशासन को नुकसान का विस्तृत ब्यौरा तैयार करने का आदेश दिया।
स्थानीय लोगों ने पानी-बिजली संकट की समस्या बताई तो डीएम ने तुरंत जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वहीं, पहाड़ियों पर लटके खतरनाक पत्थरों को देखते हुए उन्होंने निचले क्षेत्रों में रहने वालों से सुरक्षित स्थानों और राहत केंद्रों में जाने की अपील की।

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निरीक्षण के दौरान एडीएम विवेक प्रकाश, परियोजना निदेशक आनंद सिंह भाकुनी, सीएमओ अभिषेक गुप्ता समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।

मालगाड़ गांव पर भी खतरा

देवाल ब्लॉक के मालगाड़ गांव में भू-कटाव से हालात बिगड़ गए हैं। गांव के 10 मकान खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द विस्थापित करने की गुहार लगाई है।