
चमोली। उत्तराखंड एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बीती रात हुई भीषण अतिवृष्टि ने तबाही मचा दी। कुंतरी और धुरमा गांव में अचानक बरसी आफत से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। 27 से 30 मकान व गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि 12 लोग मलबे में दबकर लापता बताए जा रहे हैं।
चीख-पुकार के बीच रेस्क्यू अभियान जारी
रातभर बरसी बारिश के बाद पहाड़ दरक गए और मलबा लोगों के घरों पर टूट पड़ा। स्थानीय पुलिस के अनुसार, कुंतरी गांव से 8 और धुरमा गांव से 2 लोग अब तक लापता हैं। वहीं, 2 महिलाओं और 1 बच्चे को घायल अवस्था में मलबे से निकालकर उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है।
घटनास्थल पर जिलाधिकारी संदीप तिवारी और एसपी सर्वेश पंवार पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं। SDRF व स्थानीय पुलिस की टीमें युद्धस्तर पर राहत-बचाव अभियान चला रही हैं।
लापता लोगों की सूची
कुंतरी गांव से –
1-कुंवर सिंह s/बलवंत सिंह (उम्र लगभग 42)
2-कांता देवी पत्नी कुंवर सिंह (38)
3 और 4-विकास और विशाल पुत्र कुंवर सिंह (उम्र दोनों की 10 वर्ष)
5-नरेन्द्र सिंह s/o कुताल सिँह (40)
6-जगदम्बा प्रसाद पुत्र ख्याली राम(70)
7-भागा देवी पत्नी जगदम्बा प्रसाद (65)
8-देवेश्वरी देवी पत्नी दिलबर सिंह (65)
तहसील घाट नंदानगर के गाँव धुरमा में 2 लोगों के लापता होने की सूचना है।
1-गुमान सिंह पुत्र चन्द्र सिंह (उम्र75)
2-ममता देवी पत्नी विक्रम सिंह (उम्र 38)
स्थानीयों की व्यथा: “घर मलबे में दब गए, लोग फंसे हैं”
निवासी नंदन सिंह रावत ने बताया, “कुंतरी गांव में कई घर जमींदोज हो गए। कुछ लोगों से फोन पर संपर्क हुआ है, लेकिन वे मलबे में दबे घरों में फंसे हैं।”
सीएम धामी का निर्देश: ‘युद्धस्तर पर हो राहत-बचाव’
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार देर रात सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन से स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि:प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।घायलों का बेहतर इलाज कराया जाए।बिजली, पानी व सड़कों को तुरंत बहाल किया जाए।राहत शिविरों में भोजन, स्वास्थ्य व रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सीएम धामी ने कहा— “आपदा की इस घड़ी में सरकार प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है।”
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