
रामनगर।ग्राम पटरानी के हाई स्कूल को मालधनचौड़ इंटर कॉलेज में मर्ज करने और स्कूल बंद करने के शासनादेश के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश लगातार उफान पर है। ग्रामीणों ने इसे गरीब बच्चों की शिक्षा छीनने की साजिश बताते हुए शासन से आदेश वापस लेने की मांग की। इसी कड़ी में 24 सितम्बर को प्रगतिशील भोजन माता संगठन के नेतृत्व में हाई स्कूल परिसर के सामने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए संगठन की अध्यक्ष शारदा ने कहा कि पटरानी गांव चारों ओर से जंगलों से घिरा है और मालधनचौड़ का इंटर कॉलेज यहां से करीब छह किलोमीटर दूर है। वहां तक जाने के लिए छात्रों को जंगल के बीच से कच्चे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है, जहां दिन में भी बाघ, तेंदुए और हाथी घूमते रहते हैं। ऐसे हालात में कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को वहां भेजने का जोखिम नहीं उठा सकता। उन्होंने सवाल उठाया कि स्कूल बंद होने पर यहां कार्यरत भोजन माताओं का भविष्य क्या होगा?
ग्राम प्रधान बसंत लाल ने कहा कि शासन-प्रशासन झूठे वादों से ग्रामीणों को गुमराह कर रहा है। वे कहते हैं कि बच्चों के लिए बस चलाई जाएगी, लेकिन सच्चाई यह है कि पटरानी में वर्षों से 108 एंबुलेंस सेवा तक उपलब्ध नहीं है। गर्भवती महिलाओं तक को प्रसव के लिए निजी साधन तलाशने पड़ते हैं। ऐसे में बस की सुविधा का भरोसा केवल छलावा है। उन्होंने साफ कहा कि ग्रामीण अपने हाई स्कूल को बंद नहीं होने देंगे।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंवाल ने आरोप लगाया कि धामी सरकार ने रामनगर ब्लॉक के 27 हाई स्कूल और इंटर कॉलेजों में से 20 को मर्ज के नाम पर बंद करने का फरमान जारी किया है। उन्होंने कहा, “यह कैसी सरकार है जो गांव-गांव में शराब के ठेके तो खोल रही है, लेकिन बच्चों के स्कूल बंद कर रही है।”
धरना-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए, जिनमें लक्ष्मी, शांति, तुलसी, जानकी, बिमला, उर्मिला, कविता, रमेश चंद्र, विनय कुमार, महेश चंद्र समेत कई लोग मौजूद रहे। हाई स्कूल की छुट्टी के बाद छात्र भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए और अपनी शिक्षा बचाने की आवाज बुलंद की।
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