
रामनगर। कार्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंज में बाघ और हाथिनी का संघर्ष मौत पर जाकर खत्म हुआ। बाघ के हमले में गंभीर रूप से घायल हुई वयस्क मादा हाथिनी का इलाज लगातार दो दिन तक चला, लेकिन बुधवार दोपहर करीब 12:50 बजे उसने दम तोड़ दिया।
गश्त के दौरान मिली घायल हाथिनी
मंगलवार सुबह करीब 11 बजे गश्ती दल ने ढेला हिल ब्लॉक के ढेला पश्चिमी बीट क्षेत्र में पथरुवा सोत के पास हाथिनी को घायल अवस्था में देखा। कॉर्बेट प्रशासन के अनुसार हाथिनी पर बाघ ने हमला किया था। हमले से घबराकर वह चट्टान से फिसल गई और गंभीर रूप से घायल हो गई। मौके पर गश्ती दल ने बाघ को घायल हाथिनी के पास मौजूद भी देखा।
अधिकारियों ने मौके पर संभाली जिम्मेदारी
सूचना पर कार्बेट टाइगर रिजर्व के उच्चाधिकारी और वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। हाथिनी का उपचार शुरू किया गया और विभागीय हाथियों की मदद से उसे खड़ा करने की कोशिश भी की गई। कई घंटे तक प्रयास जारी रहे, लेकिन हाथिनी उठ नहीं सकी। इसके बाद लगातार उसकी हालत पर नजर रखी जा रही थी।
दो दिन बाद मौत, नियमानुसार किया गया पोस्टमार्टम
बुधवार दोपहर घायल हाथिनी की मौत हो गई। अधिकारियों के मुताबिक उसके सभी अंग सुरक्षित पाए गए। मृत हाथिनी का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सकों के पैनल द्वारा अधिकारियों, एनजीओ प्रतिनिधियों और स्टाफ की मौजूदगी में किया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव का नियमानुसार निस्तारण कर दिया गया।
मौके पर मौजूद रहे अधिकारी और कर्मचारी
घटना स्थल पर उपनिदेशक कार्बेट टाइगर रिजर्व राहुल मिश्रा, उप प्रभागीय वनाधिकारी कालागढ़ बिंदर पाल, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी दुष्यंत शर्मा, पश्चिमी वृत्त के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी राहुल सती, वन क्षेत्राधिकारी ढेला भगुन प्रकाश हर्बोला, प्रजाति संरक्षक समन्वयक डॉ. मिराज अनवर, द कार्बेट फाउंडेशन से दीपक कुमार और मोहम्मद यासीन सहित वन दरोगा, वन आरक्षी और विभागीय कर्मचारी मौजूद रहे।
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