
पिथौरागढ़, बेड़ीनाग। पाताल भुवनेश्वर क्षेत्र के मोना गांव में उस वक्त मातम छा गया जब तेरहवीं की तैयारियों के लिए बाजार से लौट रहे 22 वर्षीय सूरज सिंह भंडारी की खाई में गिरने से मौत हो गई। 12 दिन पहले ही सूरज की दादी का निधन हुआ था, और अब उनके पोते की असमय मृत्यु ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसे की वजह क्षेत्र का बदहाल और खतरनाक रास्ता बना, जिसकी मरम्मत की मांग वर्षों से की जा रही है लेकिन प्रशासन की उदासीनता अब जानलेवा बनती जा रही है।
दादी के संस्कार की तैयारी के बीच छिन गया जवान बेटा
सूरज अपने चचेरे भाई कमल भंडारी के साथ बाजार से तेरहवीं के लिए सामान लेकर लौट रहा था। घर से करीब एक किलोमीटर पहले खस्ताहाल रास्ते पर संतुलन बिगड़ने से वह 300 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। अंधेरा और गहराई के कारण रेस्क्यू में भारी मुश्किलें आईं। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने रस्सियों की मदद से सूरज को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।
बदहाल रास्ते ने ली चौथी जान, ग्रामीणों में गुस्सा
पाताल भुवनेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष नीलम भंडारी ने बताया कि यह वही रास्ता है, जहां पहले भी तीन लोग खाई में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। कई बार प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन से मुआवजे की मांग
ग्रामीणों और मंदिर समिति ने सरकार से मृतक के परिजनों को कम से कम 20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि जल्द रास्ता ठीक नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं।
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