
नैनीताल। बुधवार देर रात मल्लीताल के मोहनको चौराहे पर स्थित ऐतिहासिक ओल्ड लंदन हाउस भीषण आग की चपेट में आ गया। हादसे में इतिहासविद् प्रो. अजय रावत की 85 वर्षीय बहन शांता बिष्ट की जिंदा जलकर मौत हो गई।
रात करीब 9:30 बजे अचानक लगी आग ने लकड़ी से बने पुराने भवन को अपनी चपेट में ले लिया। लपटें इतनी तेज थीं कि इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग जान बचाकर भागे, वहीं कई युवाओं ने साहस दिखाते हुए अंदर फंसे लोगों को निकालने की कोशिश की। रेस्क्यू टीम को तलाशी के दौरान एक शव बरामद हुआ, जो पूरी तरह जल चुका था। शव की पहचान शांता बिष्ट के रूप में हुई।
शांता बिष्ट अपने बेटे निखिल के साथ यहां रह रही थीं। उनकी बहन कर्णप्रिया रावत का कोरोना काल में निधन हो चुका था।
सूचना मिलते ही एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा के नेतृत्व में पुलिस, दमकल, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की संयुक्त टीमें मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने के लिए हल्द्वानी, रामनगर और ऊधमसिंह नगर से भी दमकल की गाड़ियां बुलाई गईं। करीब 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाई जा सकी।
आईजी रिद्धि अग्रवाल ने बताया कि लकड़ी का बना होने के कारण घर तेजी से आग की चपेट में आ गया। अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो आसपास की दुकानें और मकान भी तबाह हो सकते थे। हादसे में पूरा मकान और उसका सारा सामान राख हो गया।
इस दर्दनाक घटना ने नैनीताल वासियों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
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