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दीपावली पर उल्लुओं की सुरक्षा संकट में! कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हाई अलर्ट।

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दीपावली पर उल्लूओं की जान पर खतरा! कॉर्बेट हाई अलर्ट, कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द।

धन के लिए नहीं, प्रकृति के लिए! कॉर्बेट में उल्लू शिकार पर रात्रि गश्त और हाई अलर्ट।

अंधविश्वास से खतरे में वन्यजीवन: कॉर्बेट में दिवाली पर उल्लू शिकार रोकने के लिए सख्त कार्रवाई

रामनगर। दीपावली के अवसर पर कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में उच्च सतर्कता जारी है। तांत्रिक गतिविधियों और अंधविश्वास के कारण हर साल उल्लुओं के शिकार की घटनाएं बढ़ जाती हैं। माना जाता है कि लक्ष्मी पूजा के दौरान उल्लू, जो देवी लक्ष्मी का वाहन है, की बलि देने से धन और समृद्धि प्राप्त होती है। इस गलत धारणा के चलते देशभर में उल्लुओं की तस्करी और हत्या के मामले सामने आते हैं।

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कॉर्बेट प्रशासन ने चेताया है कि यह न केवल वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी गंभीर खतरा है। उल्लू पर्यावरण में कृंतक नियंत्रण और जैविक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अत: सभी फील्ड कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और रात्रिकालीन गश्त तेज कर दी गई है। बिजरानी, ढिकाला, झिरना, ढेला और दुर्गा देवी जैसे प्रमुख जोनों में विशेष निगरानी रखी जा रही है, विशेषकर कॉर्बेट की दक्षिणी सीमा जो उत्तर प्रदेश से लगती है। इस अभियान में उत्तर प्रदेश वन विभाग भी सहयोग कर रहा है।

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वन्यजीव प्रेमी छिम्वाल ने कहा, “अंधविश्वास के कारण निर्दोष पक्षियों की जान लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है ताकि लोग समझें कि उल्लू धन नहीं, बल्कि प्रकृति की अमूल्य संपदा हैं।”

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एसडीओ अमित ग्वासाकोटी ने बताया, “दिवाली के दौरान उल्लू शिकार की संभावनाओं को देखते हुए पूरी टीम अलर्ट है। गश्त बढ़ाई गई है और सीमा क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। हमारा उद्देश्य वन्यजीवों को किसी भी हाल में नुकसान न पहुँचने देना है।”

कॉर्बेट प्रशासन ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को उल्लू या अन्य वन्यजीवों के अवैध शिकार की जानकारी मिले तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।