
धराली में बादल फटने से खीरगंगा नदी में आई भारी बाढ़
बाजार के कई घर, होटल मलबे में दबे
4 लोगों की मौत की पुष्टि, कई अन्य लापता
राहत व बचाव कार्य जारी, सेना, NDRF, SDRF तैनात
गंगोत्री यात्रा का प्रमुख पड़ाव धराली अब मलबे का ढेर
उत्तरकाशी |एक पल में सब कुछ बदल गया…
उत्तरकाशी जिले के शांत और सुरम्य धराली गांव में मंगलवार दोपहर एक भयावह मंजर देखने को मिला। दोपहर लगभग 1:40 बजे अचानक आसमान फटा, बादल गिरे… और कुछ ही मिनटों में खीरगंगा नदी उफनती हुई मौत का पैगाम लेकर धराली बाजार में घुस आई।

सुबह तक धराली बाजार की फिजा कुछ और थी — हल्की बूंदाबांदी, ठंडी हवा और तीर्थयात्रियों से गुलजार गलियाँ। चारों ओर रौनक और जीवन के रंग फैले थे। लेकिन दोपहर के बाद सब कुछ स्याह हो गया। नदी का रौद्र रूप बाजार को निगल गया।खुशियों से भरे घरों की जगह अब सिर्फ मलबा और वीरानगी है।धराली बाजार अब एक खंडहर जैसा दिख रहा है। जहां कभी चाय की चुस्कियों के साथ यात्रियों की बातचीत गूंजती थी, वहां अब सिर्फ मलबा है… और उस मलबे के नीचे दबे कई सपने, कई ज़िंदगियाँ।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, खीरगंगा की बाढ़ ने कई घरों और होटलों को पूरी तरह से तबाह कर दिया। चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अभी भी मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। घटनास्थल पर सेना, NDRF, SDRF, पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।

धराली, जो गंगोत्री यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव रहा है, आज मौत और मातम के साये में डूबा है। यात्रा सीजन के दौरान यही बाजार श्रद्धालुओं से गुलजार रहता था — आज वहां बस सन्नाटा है।

इस जलप्रलय ने न सिर्फ भौतिक संरचनाओं को तबाह किया है, बल्कि उन लोगों के दिलों को भी तोड़ दिया है जिनके लिए ये जगह एक घर थी, एक सपना थी।
धराली की यह त्रासदी सिर्फ एक आपदा नहीं, एक जख्म है — जो हमेशा टीसता रहेगा।
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