
उत्तरकाशी।धराली आपदा के मलबे और तबाही के बीच बुधवार को एक खास मिशन लेकर पहुँची विशेषज्ञों की टीम ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया।

शासन द्वारा गठित इस टीम में उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केंद्र (ULMMC) के निदेशक शांतनु सरकार, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) रुड़की के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डी. पी. कानूनगो, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के निदेशक रवि नेगी, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अमित कुमार और ULMMC के प्रधान सलाहकार मोहित कुमार शामिल हैं।

टीम ने धराली में आपदा से प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान की गहराई को समझा और मलबे की प्रवृत्ति, फैलाव और संभावित कारणों की पड़ताल की। खीरगाड़ के प्रवाह क्षेत्र से लेकर मलबे के प्रसार तक—हर हिस्से की तस्वीरें और नमूने जुटाए गए।
विशेषज्ञों ने स्थानीय निवासियों से भी बातचीत कर घटना के चश्मदीद बयान सुने, ताकि इस आपदा के पीछे छिपी असली वजह को वैज्ञानिक तरीके से उजागर किया जा सके। टीम का स्थलीय निरीक्षण गुरुवार को भी जारी रहेगा, और उम्मीद है कि इसके बाद आपदा के कारणों पर एक स्पष्ट रिपोर्ट सामने आएगी।
रिपोर्ट:कीर्ति निधि साजवान, उत्तरकाशी।
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