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परीक्षा केंद्र से प्रोफेसर तक… फिर सोशल मीडिया तक! यूकेएसएसएससी पेपर लीक की पूरी कहानी

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देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा रविवार को आयोजित हुई, लेकिन पेपर लीक के आरोपों ने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए। बेरोजगार संघ ने परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक होने का दावा करते हुए उसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर साझा किए। मामला सामने आते ही आयोग में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में एसएसपी को प्रार्थना पत्र सौंपा गया। एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई। देर शाम एसएसपी और आयोग अध्यक्ष ने संयुक्त प्रेसवार्ता कर कई अहम खुलासे किए।

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सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रश्नपत्र के फोटो

परीक्षा के दौरान कुछ प्रश्नपत्रों के फोटो और स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए। प्रारंभिक जांच में किसी संगठित गिरोह की संलिप्तता सामने नहीं आई, लेकिन पुलिस को पता चला कि एक परीक्षा केंद्र से किसी ने प्रश्नपत्र की तस्वीर लेकर बाहर भेजी थी। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।

प्रोफेसर और खालिद मलिक पर गिरी शक की सुई

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पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि प्रश्नपत्र की फोटो सबसे पहले टिहरी में तैनात एक असिस्टेंट प्रोफेसर के पास पहुंची। प्रोफेसर ने स्वीकार किया कि उन्हें यह फोटो हरिद्वार निवासी खालिद मलिक ने भेजी थी, जो पहले सीपीडब्ल्यूडी में जेई के पद पर कार्यरत रह चुका है। खालिद ने अपनी बहन के नाम से संदेश भिजवाकर प्रोफेसर से प्रश्नों के उत्तर मांगे थे।

बॉबी पंवार ने स्क्रीनशॉट वायरल किए

एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, प्रोफेसर ने स्क्रीनशॉट बॉबी पंवार को दिए थे। पंवार ने बिना किसी सक्षम अधिकारी को जानकारी दिए इन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद कई लोगों ने इन्हें आगे शेयर कर सरकार और भर्ती प्रणाली पर सवाल खड़े किए।

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पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

एसएसपी ने बताया कि मामले में रायपुर थाने में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं निवारण) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब आरोपियों, उनके संपर्क में आए छात्रों और सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट वायरल करने वालों की गहनता से जांच कर रही है।