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परीक्षा से पहले सेंटर में छिपाया मोबाइल, खालिद मलिक ने किया पेपर लीक का खुलासा

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देहरादून। UKSSSC द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक मामला आखिरकार दून पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। हरिद्वार से मंगलवार को गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड खालिद मलिक के पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

खालिद मलिक के खुलासे: योजना थी बेहद सोची-समझी

पुलिस के अनुसार खालिद मलिक ने नकल के लिए चार अलग-अलग जिलों से आवेदन किया था और एक परीक्षा केंद्र को चिन्हित किया। परीक्षा से पहले उसने केंद्र की रेकी की और साढ़े छह फीट की दीवार फांदकर मोबाइल छिपा दिया।

परीक्षा के दिन उसने अपने मोबाइल से प्रश्नों के फोटो खींचकर बहन साबिया को भेजे, जो इन्हें एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर के पास पहुँचाती और जवाब वापस खालिद को भेजे जाते। हालांकि, आरोपी को कक्ष में इन उत्तरों का उपयोग करने का मौका नहीं मिला।

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पेपर लीक का भयंकर खेल

21 सितंबर को परीक्षा का पेपर फोटो के रूप में सोशल मीडिया पर फैलाया गया था। जांच में पता चला कि खालिद ने बहन साबिया के माध्यम से परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र की फोटो खींचकर असिस्टेंट प्रोफेसर को भेजे और उत्तर वापस लिए।

पुलिस ने खालिद के कब्जे से मोबाइल फोन बरामद किया, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए एफएसएल भेजा जा रहा है।

कैसे बनी योजना?

खालिद मलिक ने 2013 में राजस्थान की निजी यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा लिया और 2015 में स्नातक की डिग्री पूरी की। पिछले प्रयासों में सफलता न मिलने के कारण उसने मोबाइल के जरिए परीक्षा केंद्र में प्रश्नपत्र प्राप्त करने और नकल करने की योजना बनाई।

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परीक्षा केंद्र में मोबाइल छिपाने के बाद उसने बहन और असिस्टेंट प्रोफेसर की मदद से प्रश्न पत्रों के स्क्रीनशॉट लिए, लेकिन परीक्षा कक्ष में नकल करने में असफल रहा।

फरारी और गिरफ्तारी

परीक्षा के बाद खालिद दिल्ली भागा। दोनों मोबाइलों के सिम तोड़कर फेंक दिए और ट्रेन के कोच के डस्टबिन में एक फोन फेंककर हरिद्वार लौट आया। लेकिन देहरादून, हरिद्वार पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने उसे पकड़ लिया।

पुलिस और सरकार की कार्रवाई

एसपी देहरादून देहात जया बलूनी ने कहा:

“अभी तक किसी संगठित गिरोह के शामिल होने या प्रश्न पत्र के अन्यत्र आउट होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। विवेचना में अन्य साक्ष्य भी संकलित किए जा रहे हैं। जो कोई भी जानकारी देना चाहे, वह हमारे ईमेल और मोबाइल नंबर पर साझा कर सकता है।”

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उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाने की घोषणा की है। SIT को एक महीने में जांच पूरी करनी होगी और परीक्षा परिणाम तब तक स्थगित रहेगा।

डीजीपी उत्तराखंड दीपम सेठ ने कहा:

“SIT स्वतंत्र रूप से सभी तथ्यों की जांच करेगी। जया बलूनी की टीम पूरी तरह सक्षम और पेशेवर है। कोई भी जानकारी साझा करना चाहता है, वह स्वतंत्र रूप से कर सकता है।”

UKSSSC पेपर लीक मामला अब गंभीरता से नियंत्रित स्थिति में है। मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी और SIT जांच से परीक्षा की विश्वसनीयता बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।