उत्तराखंडकुमाऊंनैनीताल

पीएनजी राजकीय महाविद्यालय में कारगिल विजय दिवस समारोह में कारगिल शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए याद किया।

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रामनगर।आज शनिवार 26 जुलाई 2025 को पी.एन.जी. राजकीय महाविद्यालय रामनगर में कारगिल विजय दिवस का आयोजन धूमधाम से आयोजित किया गया। सर्वप्रथम 79 यूके बटालियन एनसीसी इकाई द्वारा शहीदों की स्मृति में पौधारोपण किया गया। उसके पश्चात प्रभारी प्राचार्य प्रो.एस.एस.मौर्या, मुख्य अतिथि सूबेदार मेजर नवीन चन्द्र पोखरियाल सेवानिवृत्त, महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों सहित 79 व 24 एनसीसी बटालियन के कैडेट्स एवं छात्र छात्राओं ने शौर्य दीवार पर वीर शहीदों के छवि चित्रों पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। उसके पश्चात एक मिनट का मौन भी धारण किया गया।

इस अवसर पर आज के मुख्य वक्ता और मुख्य अतिथि सूबेदार मेजर नवीन पोखरियाल ने कारगिल युद्ध का परिचय देते हुए छात्र छात्राओं को बताया कि फरवरी 1999 में जहां एक ओर लाहौर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना कारगिल की घाटियों में घुसपैठ कर छद्म युद्ध की तैयारी करने में लगी थी। पाकिस्तान ने इस छद्म युद्ध को “आपरेशन वद्र” का नाम दिया था।हमारे देश ने पाकिस्तान की कायराना हरकत पर जो कार्रवाई की उसका नाम “आपरेशन विजय” रखा गया। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को नाकों चने चबवा दिए थे। जिसके कारण पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को घोषणा करनी पड़ी थी कि यदि आर पार का युद्ध होता है तो उनके पास केवल 6 दिनों के लिए ही तेल भंडार बचा हुआ है। इस युद्ध ने भारतीय सेना ने न केवल हजारों पाकिस्तानी सेना के घुसपैठियों को मार गिराता था, बल्कि पाकिस्तानी फाइटर विमान व एम आई 17 हैलीकॉप्टर को भी ध्वस्त कर दिया था।

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इस युद्ध में भारतीय सेना के 527 जवान बलिदान हुए, 1363 जवान घायल हुए जबकि एक जवान युद्धबंदी हुआ। देवभूमि उत्तराखंड के 75 वीर सपूतों और नैनीताल जिले के 5 रणबांकुरों मेजर राजेश अधिकारी, महावीर चक्र, नायक मोहन सिंह, सेना मेडल, लांसनायक चंदन सिंह, सेना मेडल, लांसनायक रामप्रसाद ध्यानी और सिपाही मोहन चन्द्र जोशी ने अपनी वीरता, पराक्रम और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए भारत मां के चरणों में अपना सर्वोच्च बलिदान समर्पित कर दिया।

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नवीन पोखरियाल ने युवा छात्र छात्राओं को सेना में शामिल होने के लिए भी प्रेरित किया। कारगिल दिवस पर प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर एस.एस. मौर्य, डॉ पुनीता कुशवाहा और एन.सी.सी. अधिकारी लेफ्टिनेंट डी.एन. जोशी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को अधिक से अधिक संख्या में भारतीय सेना को ज्वाइन करने के लिए प्रेरित किया।

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इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य प्रोफेसर एस.एस. मोर्या, डॉ पुनीता कुशवाहा, डॉ.लवकुश कुमार,डॉ सुमन कुमार, डॉ मूलचंद शुक्ला, लेफ्टिनेंट डी.एन. जोशी, लेफ्टिनेंट कृष्णा भारती, एन.सी.सी. कैडेट्स और काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।