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प्यार, शक और जुनून का खौफनाक अंत, 22 मिनट में रची गई मौत की साजिश!

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श्यामपुर में मिली अधजली लाश का पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा, प्रेम, जिद और धोखे की कहानी बनी कत्ल की वजह

हरिद्वार।श्यामपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गाजीवाली के पास 18 अक्तूबर को मिली अधजली महिला लाश के राज़ से आखिरकार पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। यह कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं — जहां प्यार, शक और जिद ने मिलकर एक भयावह अंत को जन्म दिया।पुलिस जांच में सामने आया कि यह हत्या ऊधमसिंह नगर निवासी सलमान ने अपनी प्रेमिका सीमा खातून की गला घोंटकर की, और फिर पहचान मिटाने के लिए शव को जला दिया। इस वारदात में उसकी मददगार बनी महिला मेहरुन्निशा भी अब सलाखों के पीछे है।

प्रेम ने लिया खतरनाक मोड़

सऊदी अरब में नौकरी करने वाला सलमान जून में भारत लौटा और ट्रक चलाने लगा। घर बनवाते वक्त उसकी मुलाकात पड़ोस की सीमा से हुई — जो शादीशुदा थी और दो बच्चों की मां। मुलाकातें बढ़ीं, रिश्ता प्रेम में बदल गया।सीमा का बिंदास स्वभाव सलमान को भा गया, लेकिन जब सलमान ने दूसरी जगह शादी करने का मन बनाया, तो सीमा आगबबूला हो उठी। उसने उसे धमकी दी कि “अगर उसने किसी और से शादी की, तो वह उसे बर्बाद कर देगी।”

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17 अक्तूबर — झगड़ा, थप्पड़ और मौत

घटना वाले दिन सीमा बार-बार सलमान को फोन कर रही थी, पर वह कॉल नहीं उठा रहा था। गुस्से में उसने अपनी परिचित मेहरुन्निशा को साथ लिया और सलमान से मिलने पहुंची।ट्रक के पास पहुंचते ही सीमा ने सलमान को खरी-खोटी सुनाई, थप्पड़ जड़ा और उसकी बहन-भाभी को लेकर आपत्तिजनक बातें कह दीं। बात इतनी बढ़ गई कि सलमान ने भी उसे थप्पड़ मार दिया — और उसी पल गुस्से में उसने सीमा की चुन्नी से गला घोंटकर उसकी जान ले ली।

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शव जलाने की साजिश — 22 मिनट में पूरी वारदात

हत्या के बाद सलमान ने मेहरुन्निशा की मदद से शव ठिकाने लगाने की योजना बनाई।पहले उसने मेहरुन्निशा को कुंडा के पास उतारा, फिर ट्रक लेकर नगीना पहुंचा और वहां से डीजल खरीदा। श्यामपुर के सुनसान इलाके में पहुंचकर उसने शव को आग के हवाले कर दिया।पुलिस के मुताबिक, यह पूरी वारदात सिर्फ 22 मिनट में पूरी हुई।

सीसीटीवी फुटेज ने खोला पूरा राज़

सीओ सिटी शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि यह मामला पुलिस के लिए एक ब्लाइंड केस जैसा था। मगर तकनीकी जांच, मोबाइल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज ने सब राज़ खोल दिए।श्यामपुर-देहरादून हाईवे पर लगे कैमरों की जांच में सामने आया कि ज़्यादातर ट्रक 2–3 मिनट में आगे बढ़े, लेकिन एक सफेद कंटेनर ट्रक 22 मिनट बाद दिखा।इसी ट्रक की पहचान होते ही सलमान और मेहरुन्निशा तक पुलिस पहुंच गई — और हत्या की यह फिल्मी कहानी यहीं जाकर खत्म हुई।

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मासूमों पर टूटा कहर

सीमा के दो छोटे बच्चे अब मां के साये से महरूम हो गए हैं। एक ओर सलमान और मेहरुन्निशा जेल में हैं, दूसरी ओर सीमा का परिवार गहरे सदमे में है।प्यार, शक और गुस्से के इस संगम ने एक बार फिर साबित कर दिया — भावनाओं की अंधी दौड़ का अंत हमेशा विनाश में होता है।