उत्तराखंडदेहरादून

भगवती सुरकंडा मां दिव्य जागर विमोचन समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री

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  • राजकीय सेवाओं के चयन में पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता पर बात करते हुए एवं राज्य के युवाओं का आह्वान करते हुए सीएम धामी ने कहा कि अब राज्य में सरकारी सेवाओं में चयन का आधार केवल और केवल मेरिट, प्रतिभा व योग्यता है, इसलिये राजकीय सेवाओं में आने के इच्छुक युवा पूरे विश्वास एवं लगन से परीक्षाओं की तैयारी करें, उनका भविष्य उज्ज्वल है।  
  • सीएम धामी ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत अभी तक 60 से अधिक छद्म वेष धारी गिरफ्तार हो चुके हैं, हमारी सरकार देवभूमि के देवत्व को अक्षुण्ण रखने हेतु प्रतिबद्ध है।  पवित्र सावन मास एवं चारधाम यात्रा के दौरान ऑपरेशन कालनेमि पूरी गहनता से जारी रहेगा।
  • मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि के मूल स्वरूप और अस्तित्व को बचाने के हमारे संकल्प  पर हम अडिग हैं, यह अनवरत जारी रहेगा। लैंड जिहाद, लव जिहाद, थूक जिहाद के खिलाफ सख्त कार्यवाही जारी रहेगी।
  • सीएम ने कहा हमारी सरकार ने कड़ा भू कानून लागू कर, अनावश्यक रूप से लैंड बैंक बनाने वालो पर रोक लगाई है।
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देहरादून।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को आई आर डी टी ऑडिटोरियम देहरादून में हिमालयन हेरिटेज सोसाइटी द्वारा आयोजित भगवती सुरकंडा मां दिव्य जागर विमोचन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने जागर गायक श्री प्रीतम भरतवाण के सुरकंडा देवी पर जागर का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरो के माध्यम से हमारे पूर्वजों ने प्रकृति, पर्वत, नदियों और देवशक्तियों के साथ संवाद स्थापित किया। हमारी ये जागर परंपरा वेद मंत्रों जितनी ही गूढ़ है, जिसे केवल गाया ही नहीं जाता बल्कि अनुभव भी किया जाता है। जागर में शब्द नहीं बल्कि शक्ति होती है, प्रत्येक बोल, प्रत्येक ताल और ढोल की थाप में एक आध्यात्मिक शक्ति होती है, जो देवत्व को आमंत्रित करती है। इसलिए इस प्रकार के प्रयासों को प्रोत्साहन देना हम सभी का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मां सुरकंडा देवी, हमारी लोक आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक हैं, उनके इतिहास, महिमा और गौरवशाली कथा को चलचित्रों के माध्यम से जीवंत रूप देने का जो अद्भुत कार्य हमारे प्रदेश के महान लोक गायक पद्म प्रीतम भरतवाण ने किया है, वह अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण का यह प्रयास न केवल मां सुरकंडा की महिमा को जन-जन तक पहुंचाएगा, बल्कि हमारी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। 52 शक्तिपीठों में से एक मां सुरकंडा देवी का मंदिर लोगों की श्रद्धा और शक्ति का केंद्र है। सदियों से यहां पर लोकगाथाएं गाई जाती रही हैं, जागर गाए जाते रहे हैं। आज, जब इस अमूल्य धरोहर को संगीत, चलचित्र, और सांस्कृतिक शिल्प के माध्यम से संजोया गया है, तो यह प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है।

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मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि राज्य के लोग हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहें और उत्तराखंड की लोक पंरपराओं को जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएं और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज पूरे भारत में ’’विकास भी और विरासत भी’’ के उद्घोष के साथ जहां एक ओर अभूतपूर्व विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। मोदी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी प्रदेश के विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए भी निरंतर प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों के साथ ही मानसखंड के पौराणिक मंदिरों’ के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण हेतु करोड़ों की लागत से परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही हम हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर के निर्माण पर भी तेजी से कार्य कर रहे हैं। पहले मां सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए पैदल चलना पड़ता था, लेकिन हमारी  सरकार ने ही मंदिर तक रोपवे का संचालन प्रारंभ करवाया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, जागर गायक प्रीतम भारतवाण सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।