
रामनगर। हरियाणा में हुए मनीषा हत्याकांड के विरोध की आग अब देशभर में फैलने लगी है। इसी क्रम में आज प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन भेजकर अपराधियों को कड़ी सजा देने और पीड़िता के परिवार को पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराने की मांग उठाई।
यह ज्ञापन उप जिलाधिकारी, रामनगर के माध्यम से भेजा गया। इसमें कहा गया कि मनीषा का शव इस बात की गवाही देता है कि उसके साथ निर्ममता से बलात्कार और गला रेतकर हत्या की गई है, लेकिन हरियाणा पुलिस मामले को आत्महत्या बताकर सच दबाने का प्रयास कर रही है।

ज्ञापन में सवाल खड़ा किया गया कि जब सरकारें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे लगाती हैं, तब भी महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल क्यों नहीं बन पा रहा? आज हालात यह हैं कि महिलाओं का कार्यस्थलों पर काम करना और सड़कों पर भयमुक्त चलना लगभग असंभव हो गया है।

ज्ञापन में सत्ताधारी दल से जुड़े नेताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए गए। इसमें कहा गया कि महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने वाले बृजभूषण सिंह, दलित नाबालिग से बलात्कार के दोषी कुलदीप सेंगर, बीएचयू प्रकरण, और उत्तराखंड की अंकिता भंडारी हत्या कांड—इन सभी मामलों के पीछे सत्ता से जुड़े लोग रहे हैं। ज्ञापन में साफ कहा गया कि महिलाओं के प्रति इनकी सोच कुंठित और घृणित है।
महिला संगठनों ने राष्ट्रपति से मांग की है कि –
मनीषा हत्याकांड के आरोपियों को शीघ्र सजा मिले
पीड़ित परिवार को सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित हो
महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं
ज्ञापन सौंपने वालों में शीला शर्मा, तुलसी छिंवाल, अनीता देवी, कमला छिंवाल, दीपा रावत, आनंदी बोरा, रोहित रुहेला, रवि व विनोद शामिल रहे।
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