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मुख्यमंत्री राज्य आंदोलनकारियों के सम्मेलन में नहीं पहुंचे, आंदोलनकारियों में गहरा रोष, सम्मान समारोह का किया बहिष्कार का ऐलान

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रामनगर। राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री के शामिल न होने से राज्य आंदोलनकारियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। आंदोलनकारियों ने इसे अपने सम्मान के साथ जुड़ा मामला बताते हुए 8 नवंबर को प्रदेशभर में होने वाले राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

आंदोलनकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री को सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए आयुक्त कुमाऊं मंडल, जिलाधिकारी, एसडीएम और मुख्यमंत्री कार्यालय तक को सूचित किया गया था। इसके बावजूद आखिरी समय तक किसी भी अधिकारी ने मुख्यमंत्री की उपस्थिति को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
“सम्मान और स्वाभिमान से बढ़कर हमारे लिए कुछ नहीं,” आंदोलनकारियों ने कहा।

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“25 साल बाद भी अधूरी हैं उम्मीदें”

लखनपुर की पर्वतीय सभा में राज्य आंदोलनकारी खड़क सिंह अग्रवाल की अध्यक्षता और पुष्कर दुर्गापाल के संचालन में आयोजित सम्मेलन में आंदोलनकारी नेताओं ने कहा कि राज्य निर्माण के लिए 42 से अधिक लोगों ने अपने प्राण न्यौछावर किए, लेकिन जिन उम्मीदों के साथ उत्तराखंड बना था, वे अब भी अधूरी हैं।

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आंदोलनकारियों ने कहा कि स्थायी राजधानी, भू-कानून, मूल निवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पलायन, विस्थापन और जंगली जानवरों के आतंक जैसे मुद्दों पर सरकारें अब तक स्पष्ट नीति नहीं बना सकी हैं।
“पानी, जवानी और परेशानी — तीनों पहाड़ से आज भी बह रही हैं,” आंदोलनकारियों ने कहा।

सरकार से प्रमुख मांगें

राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के समान सभी सुविधाएं देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए 10% शैक्षणिक आरक्षण की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है।
आंदोलनकारियों ने चिह्निनीकरण प्रक्रिया दोबारा खोले जाने और लंबित आवेदनों के तत्काल निस्तारण की भी मांग की।

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सम्मेलन में बड़ी संख्या में आंदोलनकारी शामिल

सम्मेलन में प्रभात ध्यानी, चंद्रशेखर जोशी, हेमंत बगणवाल, इंदर सिंह मनराल, मोहनी बंगारी, सुमित्रा विष्ट, राजेंद्र प्रसाद कुलवे, गिरीश खुलवे, देवकीनंदन, भुवन तिवारी, नवीन नैथानी, रईस अहमद, अनिल अग्रवाल, शीला भंडारी, महावीर सिंह विष्ट, हीरा सिंह बिष्ट, कमल किशोर बुधानी, और फैजल खान सहित बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी मौजूद रहे।