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यूपीसीएल ने रचा इतिहास: मार्च 2027 का लक्ष्य अगस्त 2025 में ही पूरा, 42 हज़ार से अधिक सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित

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  • यूपीसीएल ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में रचा नया कीर्तिमान
  • मार्च 2027 तक का लक्ष्य अगस्त 2025 में ही पूरा, प्रदेश में 42,000 से अधिक सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित

देहरादून।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर घर को स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा से जोड़ने के संकल्प को साकार करते हुए, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि० (यूपीसीएल) ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यूपीसीएल को मार्च 2027 तक 40,000 सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया था, किन्तु यूपीसीएल ने अपने अथक प्रयासों एवं उपभोक्ताओं के सहयोग से यह लक्ष्य समय से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व ही अगस्त 2025 में पूरा कर लिया है। साथ ही प्रदेशभर में अब तक 42,000 से अधिक सोलर रूफटॉप संयंत्र सफलतापूर्वक स्थापित कर लिये गये हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता लगभग 156 मेगावाट है। यह उपलब्धि उत्तराखण्ड को हरित ऊर्जा उत्पादन और ऊर्जा आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करती है। इस अभियान के नोडल अधिकारी, आशीष अरोड़ा, मुख्य अभियन्ता, यूपीसीएल थे।

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प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि यह उपलब्धि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के प्रेरणादायी नेतृत्व और प्रमुख सचिव (ऊर्जा) के सतत् मार्गदर्शन का परिणाम है। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम सूर्य-घर मुफ्त बिजली’ को प्रदेश के घर-घर तक पहुँचाना हमारे लिये गर्व का विषय है। हमने जो लक्ष्य मार्च 2027 तक प्राप्त करना था, उसे अगस्त 2025 में ही पूरा कर लिया है जो यूपीसीएल परिवार की प्रतिबद्धता और उपभोक्ताओं के सहयोग का परिणाम है। भविष्य में भी हम इसी उत्साह से कार्य कर उत्तराखण्ड को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाते रहेंगे।”

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न ‘पीएम सूर्य-घर मुफ्त बिजली योजना’ के अंतर्गत उत्तराखण्ड ने जिस तरह डेढ़ वर्ष पहले ही लक्ष्य हासिल कर लिया है, वह हम सभी के लिए गर्व की बात है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि उत्तराखण्ड न केवल स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, बल्कि आने वाले समय में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण में भी अग्रणी राज्य बनेगा। मैं यूपीसीएल परिवार, ऊर्जा विभाग और प्रदेशवासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हृदय से बधाई देता हूँ। राज्य सरकार हर संभव सहयोग कर यह सुनिश्चित करेगी कि उत्तराखण्ड हरित ऊर्जा के क्षेत्र में देश को नई दिशा दे सके।”