
रामनगर।समाजवादी लोकमंच द्वारा राज्य स्थापना की 25वीं जयंती पर आयोजित जन सम्मेलन को सफल बनाने के लिए व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है।
जनसंपर्क अभियान के तहत सुंदर खाल में आयोजित बैठक में मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि 42 शहादतों के बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य की स्थापना हुई थी। जिन सपनों को लेकर उत्तराखंड राज्य के लिए आंदोलन हुआ था वह चकनाचूर हो गए हैं। यहां के ज्यादातर गांव में ना तो अस्पताल है और ना ही डॉक्टर परंतु सरकार ने वहां पर शराब की दुकानें खोल दी है।
उन्होंने कहा कि लाखों लाख नौजवान बेरोजगारी के चलते पलायन को मजबूर है। सितंबर माह में यूकेएसएससी की 417 सीटों के लिए हुई परीक्षा में 1 लाख से भी अधिक नौजवान शामिल हुए थे। ये रोजगार की भयावह स्थिति को बताता है।
गिरीश चंद्र ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में 10 वर्ष कांग्रेस ने और 15 वर्ष भाजपा ने शासन किया है। इन दोनों ही दलों का चरित्र जन विरोधी साबित हुआ है।
जमन राम ने कहा कि राज्य बनने के बाद से अब तक जंगली जानवरों के हमले में 1200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं तथा 6000 से अधिक घायल हो चुके हैं। उत्तराखंड में 200 से भी ज्यादा वन ग्रामों में लाखों लाख लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। जमीन पर मालिकाना हक को लेकर सभी को एकजुट होकर संघर्ष करना जरूरी है।
ललिता रावत ने कहा कि यह वक्त उत्तराखंड राज्य की सिल्वर जुबली का जश्न मनाने का नहीं बल्कि जनता को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास आदि की समस्याओं को लेकर काम करने का है। जिन सवालों और सपनों के लिए 42 लोग शहीद हुए हैं। उन सवालों पर संघर्षों को आगे बढ़ाना ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
बैठक में ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में 09 नवंबर को पायते वाली रामलीला रामनगर में आयोजित जन सम्मेलन में शामिल होने का संकल्प लिया।
बैठक में प्रेम राम, दीपा मनोनीत ग्राम प्रधान पूरन राम, विचार व्यक्त किए। संचालन कौशल्या ने किया।
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