
रामनगर।कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे रामनगर वनप्रभाग के टेढ़ा क्षेत्र में शुक्रवार को एक बेहद रोमांचक और खतरनाक घटना सामने आई। नियमित गश्त पर निकले चार वनकर्मी अचानक उस वक्त मौत के साये में आ गए, जब सामने से एक वयस्क टाइग्रेस अपने दो शावकों के साथ आ धमकी।कुछ ही पलों के लिए सांसें थम गईं, लेकिन वनकर्मियों की फुर्ती और हिम्मत ने उन्हें बचा लिया। सभी ने बिना देर किए नजदीकी पेड़ पर चढ़कर खुद को सुरक्षित किया और वहीं दुबककर जान बचाई।
वनकर्मियों की बहादुरी
रामनगर वनप्रभाग के रेंज अधिकारी शेखर तिवारी ने बताया—
“हमारे वनकर्मी रोज की तरह गश्त पर थे। अचानक टाइग्रेस और उसके दो शावक सामने आ गए। तत्कालिक निर्णय लेते हुए वनकर्मी पेड़ पर चढ़ गए और खुद को सुरक्षित कर लिया। वर्तमान में उस क्षेत्र में गश्त और निगरानी और बढ़ा दी गई है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।”
बढ़ रही टाइगर संख्या
हाल ही में हुए सर्वेक्षण में सामने आया है कि रामनगर वनप्रभाग में टाइगर्स की संख्या बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वन संरक्षण और पुनर्स्थापन कार्यों का सकारात्मक नतीजा है।
वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिम्वाल का कहना है—
“टाइगर्स की बढ़ती संख्या जहां जैव विविधता के लिए अच्छा संकेत है, वहीं यह मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावनाओं को भी बढ़ाती है। ऐसे में निगरानी और सुरक्षा बेहद जरूरी है।”
खतरे और तैयारी
रामनगर वनप्रभाग में बीते कुछ वर्षों में टाइगर हमले की घटनाएं सामने आती रही हैं। इसी कारण वन विभाग ने गश्त बढ़ाने के साथ-साथ वनकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों से भी तैयार किया है।
फिलहाल, टेढ़ा क्षेत्र में विशेष गश्त अभियान चलाया जा रहा है। गांव के आसपास भी अतिरिक्त निगरानी बढ़ाई गई है, ताकि टाइगर्स मानव बस्तियों के करीब न पहुंच सकें।
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