
हल्द्वानी/लालकुआं।लालकुआं में हुए सुसाइड प्रकरण ने तूल पकड़ा है — मृतक के हाथों में लिखे कथित सुसाइड नोट के सार्वजनिक होने के बाद उत्तराखंड लेखपाल संघ ने मामले की उच्चस्तरीय व निष्पक्ष जांच की तीव्र मांग उठाई है। मंगलवार को संघ के प्रतिनिधिमंडल ने कुमाऊँ मंडल आयुक्त दीपक रावत से मुलाकात कर घटनाक्रम की गंभीरता पर चर्चा की और एफआईआर निरस्त करने की भी मांग रखी।

संघ के प्रदेश महामंत्री तारा चन्द्र घिल्डियाल ने कहा कि राजस्व वाद एक न्यायिक प्रक्रिया है और असंतुष्ट पक्ष के पास अपील का विकल्प मौजूद है। उन्होंने आरोप लगाया कि पटवारी पूजा रानी को साजिशन फंसाने का प्रयास किया जा रहा है, जिस पर संघ ने कड़ा ऐतराज जताया।

प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा, सुनीता लोहनी जोशी, लक्ष्मी नारायण यादव, अनीता पाण्डे, नैन्सी राणा, दीक्षा मेहता, हर्षिता अधिकारी, मीनाक्षी, गीता जोशी, अरुण वर्मा और चंद्रशेखर सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
लेखपाल संघ ने चेतावनी दी है कि यदि मामले की पारदर्शी व निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई या पटवारी पर लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों की जांच नहीं हुई तो संघ आंदोलन करने पर विवश होगा।
यह है मामला:
लालकुआं क्षेत्र के प्रॉपर्टी डीलर महेश जोशी की बरेली राममूर्ति अस्पताल में सोमवार को मौत हो गई। उन्होंने तहसील में जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था।मामले का संवेदनशील पहलू तब उभरकर आया जब मृतक महेश जोशी की जेब से बताया गया सुसाइड नोट बरामद हुआ। उस नोट में कथित तौर पर लिखा है:”पूजा रानी ने मुझे परेशान किया… मैं अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रहा हूं। इसमें मेरे घर या बाहर वाले का कोई कसूर नहीं है। लालकुआं की पटवारी पूजा रानी ने मुझे काफी परेशान किया है। मेरे मरने के बाद इंसाफ दिला देना…”
पुलिस ने अभी तक सुसाइड नोट की फोरेंसिक सत्यापन प्रक्रिया और अन्य सबूतों की जांच शुरू करने या मामले में आगे की कार्रवाई पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
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