
हल्द्वानी। साइबर अपराधी दिन-प्रतिदिन नए हथकंडे अपनाकर लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं। पढ़े-लिखे से लेकर अनपढ़ तक, कोई भी इनके झांसे से बच नहीं पा रहा। नौकरी, बैंक कॉल, झूठे केस, अंजान लिंक और ओटीपी जैसी चालों से मासूम लोग पलक झपकते ही अपनी जमा पूंजी गंवा रहे हैं।
ऐसे में कुमाऊं पुलिस ने ठगों के खिलाफ लोकभाषा का हथियार उठाने का फैसला लिया है। अब पहाड़ की कुमाऊंनी और स्थानीय भाषा में बड़े स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। पोस्टर, ऑडियो-वीडियो और सोशल मीडिया के जरिए सीधे गांव-गांव तक संदेश पहुंचाया जाएगा।
आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल ने जिले के कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि स्थानीय भाषा में अभियान चलाकर हर वर्ग को साइबर क्राइम से सावधान किया जाए। उन्होंने बताया कि पिछले साल अकेले कुमाऊं में 9 से अधिक लोगों से करीब 34 करोड़ रुपये की ठगी हुई, जिसमें से सिर्फ 40% ही रिकवरी हो पाई।
बुजुर्ग और रिटायर कर्मचारी साइबर ठगों के सबसे आसान शिकार बन रहे हैं। मीठी-मीठी बातों में उलझाकर ठग उनके खातों को खाली कर रहे हैं। पिथौरागढ़ और चंपावत में भी कई मामले सामने आ चुके हैं।
पुलिस का मानना है कि अगर लोग खुद जागरूक हो जाएं और अनजान लिंक, कॉल या ओटीपी शेयर करने से बचें तो आधे से ज्यादा अपराध रोके जा सकते हैं।
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