खटीमा (उधम सिंह नगर)।खटीमा की सरज़मीं पर एक ऐतिहासिक और भावनात्मक पल देखने को मिला, जब पहली बार मुस्लिम समाज की सात निर्धन बेटियों का सामूहिक निकाह धूमधाम से संपन्न हुआ। यह आयोजन तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत नामक सामाजिक-इस्लामिक संस्था द्वारा स्थानीय बैंक्वेट हॉल में किया गया, जिसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी रही।
कार्यक्रम में बेटियों के निकाह के साथ-साथ प्रत्येक नवविवाहित जोड़े को संस्था की ओर से ₹55,000 मूल्य का घरेलू सामान उपहारस्वरूप प्रदान किया गया — ताकि नई गृहस्थी की शुरुआत सुगमता से हो सके। इस मौके पर हजारों की संख्या में लोगों ने शिरकत की और आयोजन की सराहना की।
कार्यक्रम में विधायक एवं उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी सहित विभिन्न धर्मों और समुदायों के गणमान्य लोग मौजूद रहे। सभी ने इस्लामिक संस्था की पहल को समाज में भाईचारे और मानवीय संवेदना का अनूठा उदाहरण बताया। विधायक भुवन कापड़ी ने कहा —
“ऐसे आयोजन न सिर्फ समाज को जोड़ते हैं, बल्कि जरूरतमंद परिवारों के चेहरों पर मुस्कान भी लाते हैं। हर वर्ग को इस नेक कार्य में सहभागी बनना चाहिए।”
अपनी बेटियों का निकाह संपन्न होते देख कई पिता की आंखें खुशी से नम हो गईं। उन्होंने संस्था की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित होते हैं और उम्मीद जताई कि अन्य शहरों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
“सामाजिक सौहार्द की मिसाल” — मौलाना इरफान उल हक कादरी
संस्था के संरक्षक हजरत मौलाना इरफान उल हक कादरी ने कहा कि यह खटीमा में मुस्लिम समाज का पहला और सबसे बड़ा सामूहिक निकाह है। उन्होंने बताया कि पहले 15 जोड़ों का निकाह करने की योजना थी, लेकिन इस वर्ष 7 जोड़ों का ही आयोजन संभव हो पाया। उन्होंने कहा —
“हमारा उद्देश्य सिर्फ निकाह कराना नहीं, बल्कि समाज में सहयोग, एकता और करुणा का संदेश फैलाना है। आने वाले वर्षों में इसे और भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा।”
आयोजन के बाद दूल्हा-दुल्हन और उनके मेहमानों सहित स्थानीय लोगों के लिए सामूहिक भोजन की व्यवस्था भी की गई, जिससे पूरे क्षेत्र में एकता और भाईचारे का माहौल बना रहा।