
देहरादून।विश्व स्ट्रोक दिवस (World Stroke Day) के अवसर पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून, ने लोगों को स्ट्रोक की रोकथाम, शुरुआती पहचान और समय पर उपचार के महत्व के प्रति जागरूक किया। इस वर्ष की थीम “रोकथाम की शक्ति: अपने दिमाग की रक्षा करें” (The Power of Prevention: Protect Your Brain) पर आधारित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा कि थोड़े-थोड़े जीवनशैली सुधार से स्ट्रोक का खतरा काफी कम किया जा सकता है।
न्यूरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. शमशेर द्विवेदी ने कहा कि,
“स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है जो किसी को भी, कभी भी हो सकती है। यह तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त प्रवाह रुक जाता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी से दिमाग की कोशिकाएं कुछ ही मिनटों में मरने लगती हैं। इसके परिणामस्वरूप लकवा, बोलने में दिक्कत और याददाश्त की समस्या हो सकती है। स्ट्रोक के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है — रोकथाम और तुरंत पहचान।”
उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों को पहचानना जीवनरक्षक साबित हो सकता है।
‘BE FAST’ फॉर्मूला याद रखें —
B: Balance (संतुलन बिगड़ना),
E: Eyes (दृष्टि में बदलाव),
F: Face (चेहरा लटकना),
A: Arm (बांह में कमजोरी),
S: Speech (बोलने में दिक्कत),
T: Time (तुरंत चिकित्सा सहायता)।
न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नितिन गर्ग ने कहा,
“लगभग 90 प्रतिशत स्ट्रोक मामलों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर रोका जा सकता है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल जैसी स्थितियों को नियंत्रित रखने से जोखिम काफी घटाया जा सकता है। धूम्रपान और मोटापा से बचना भी बेहद जरूरी है।”
कार्यक्रम के दौरान लोगों को स्ट्रोक से बचाव, शुरुआती लक्षणों की पहचान और तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता पर जानकारी दी गई।
मैक्स हॉस्पिटल, देहरादून, ने समुदाय में जागरूकता बढ़ाने और हेल्थ चेक-अप को प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। विशेषज्ञों ने कहा कि समय पर इलाज और रिहैबिलिटेशन से मरीज फिर से सामान्य जीवन जी सकते हैं।
मुख्य संदेश:
👉 स्ट्रोक के शुरुआती संकेतों को पहचानें
👉 “BE FAST” फॉर्मूला अपनाएं
👉 नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें
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