
देहरादून।उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की 21 सितम्बर को आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा में बड़ा खुलासा हुआ है। परीक्षा के दौरान पेपर लीक प्रकरण सामने आने के बाद सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए हरिद्वार में सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात केएन तिवारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
आयोग की रिपोर्ट में बताया गया कि हरिद्वार के आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज (केंद्र कोड-1302) में एक परीक्षार्थी ने मोबाइल से प्रश्नपत्र के 12 प्रश्नों की फोटो खींचकर बाहर भेज दी। यह घटना परीक्षा की गोपनीयता और पारदर्शिता पर गहरा सवाल खड़ा करती है।
आश्चर्य की बात यह रही कि केंद्र पर तैनात जनपद स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी होने के बावजूद यह चूक सामने आई। आयोग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए सचिव ग्राम्य विकास विभाग से कार्रवाई की संस्तुति की। इसके बाद सरकार ने तय किया कि तिवारी अपने दायित्वों के प्रति संवेदनशील नहीं रहे और उन्हें तुरंत निलंबित कर ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय, पौड़ी से संबद्ध कर दिया।
निलंबन अवधि की शर्तें
निलंबन के दौरान तिवारी को केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, जो उनके मूल वेतन के आधे हिस्से के बराबर होगा। महंगाई भत्ता और अन्य लाभ उन्हें तभी मिल पाएंगे जब वे प्रमाण-पत्र देंगे कि वे किसी अन्य व्यवसाय या सेवायोजन में संलग्न नहीं हैं।
छात्रों और संगठनों का आक्रोश
पेपर लीक की यह घटना राज्यभर के बेरोजगार युवाओं और छात्र संगठनों में भारी रोष का कारण बनी है। कई संगठनों ने कठोर जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है। उनका कहना है कि बार-बार होने वाले पेपर लीक से प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर गंभीर आघात पहुंच रहा है।
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