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हल्द्वानी में नकल गैंग का भंडाफोड़, 4 लाख में बिक रहा था भविष्य।

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हल्द्वानी। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले नकल गिरोह का पर्दाफाश करते हुए हल्द्वानी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में सुनियोजित तरीके से नकल कराने वाले गैंग का भंडाफोड़ कर गैंग लीडर समेत 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 11 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, वाई-फाई डोंगल और अन्य उपकरण बरामद हुए हैं।

इस कार्रवाई को एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा के निर्देश पर अंजाम दिया गया। सूचना मिलने पर सीओ हल्द्वानी नितिन लोहनी के पर्यवेक्षण और कोतवाली प्रभारी राजेश यादव के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने रामपुर रोड स्थित टीपी नगर के एक होटल में दबिश देकर आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा।

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गिरफ्तार किए गए आरोपियों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड के युवक शामिल हैं, जिनकी पहचान सुनील कुमार, परविंदर कुमार, राहुल शर्मा, अभिषेक कुमार, विशाल गिरि, आफताब खान, अरुण कुमार, शिव सिंह और जसवीर सिंह के रूप में हुई है। गैंग लीडर सुनील कुमार और परविंदर कुमार इस पूरे नेटवर्क को लाखों रुपये लेकर “पास कराने की गारंटी” के साथ संचालित कर रहे थे।

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डिजिटल लाइब्रेरी की आड़ में हाई-टेक नकल तंत्र

जांच में सामने आया है कि गैंग दिसंबर 2024 से हल्द्वानी में “डिजिटल लाइब्रेरी” के नाम पर नकल का अवैध कारोबार चला रहा था। इस लाइब्रेरी को देहरादून निवासी दीपक कन्नौजिया से लीज पर लिया गया था। गैंग एनीडेस्क व रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के माध्यम से परीक्षार्थियों को नकल कराने का नेटवर्क चला रहा था। प्रत्येक अभ्यर्थी से 4 लाख रुपये तक वसूले जा रहे थे।

गिरोह का उद्देश्य था कि परीक्षा केंद्रों में बैठे परीक्षार्थियों को सॉल्वरों व आईटी एक्सपर्ट्स की मदद से उत्तर दिलवाकर परीक्षा पास कराई जाए। गैंग की नजर 6 अगस्त से शुरू होने वाली SSC परीक्षा पर थी, जिसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जा चुकी थी।

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पहले भी हैं दर्ज कई संगीन मुकदमे

गिरफ्तार आरोपियों में से कई पर मुजफ्फरनगर और मेरठ में धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जीवाड़े जैसे गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।