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हल्द्वानी में पूर्व सैनिक सम्मेलन में बोले सीएम धामी — “सैनिक की शहादत का कोई मोल नहीं, उत्तराखंड वीरता की भूमि है”

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हल्द्वानी।उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर हल्द्वानी के एमबीपीजी इंटर कॉलेज में आज भव्य पूर्व सैनिक सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की और वीर सैनिकों एवं वीरांगनाओं का सम्मान किया। सम्मेलन के दौरान जब आयोजकों ने सीएम धामी को उनके पिता का चित्र भेंट किया, तो मुख्यमंत्री भावुक हो उठे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “एक सैनिक की शहादत का कोई मोल नहीं हो सकता। वह अपनी जान देकर देश की रक्षा करता है।” उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दी है। साथ ही शहीदों के अंतिम संस्कार हेतु ₹10 हजार की सम्मान राशि का भी प्रावधान किया गया है।

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“देवभूमि शौर्य और बलिदान की धरती है”

सीएम धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि शौर्य, पराक्रम और कर्तव्यनिष्ठा की भूमि भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर घर का एक बेटा सरहद पर तैनात है, जो तिरंगे की शान के लिए अपने प्राण न्योछावर करने को सदैव तैयार रहता है।

उन्होंने जानकारी दी कि शहीदों की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जिले का जादुंग गांव, जो 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया था, जल्द ही सैलानियों के लिए खोला जाएगा।

वीरों के सम्मान में राज्य सरकार की पहल

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली राशि में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है।

उन्होंने बताया कि युद्ध विधवाओं और युद्ध अपंग सैनिकों को ₹2 लाख की आवासीय सहायता देने का निर्णय लिया गया है। साथ ही शहीद परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजन का भी प्रावधान किया गया है।

धामी ने कहा, “उत्तराखंड ऐसा राज्य है, जो सैनिकों को संपत्ति खरीद पर स्टांप ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान करता है। यह राज्य सैनिकों के योगदान का सम्मान करने वाला प्रदेश है।”

सम्मेलन में उमड़ा जनसैलाब

हल्द्वानी में आयोजित इस पूर्व सैनिक सम्मेलन में करीब दो से तीन हजार पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्यमंत्री ने वीर सैनिकों पर पुष्पवर्षा की और उन्हें राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया।

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धामी ने कहा, “मैंने बचपन से सेना की वर्दी में बसने वाले अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा को देखा है। एक शहीद की माँ अपने बेटे के बलिदान पर दर्द के साथ गर्व भी महसूस करती है।”

राज्य की रजत जयंती पर गौरव का पल

उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर सरकार इसे रजत जयंती उत्सव के रूप में मना रही है। इसी क्रम में देहरादून से लेकर प्रत्येक जनपद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “पूर्व सैनिकों का यह सम्मेलन राज्य की वीरता और गौरव का प्रतीक है, और इसमें शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात है।”