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रामनगर(उत्तराखंड):किसान संघर्ष समिति ने हाथी डगर आबादी के समीप घूम रहे आदमखोर बाघ को पकड़े जाने एवं विगत 2 नवंबर को बाघ के हमले में घायल मालधन निवासी अंकित का इलाज कराए जाने तथा खेत में काम करने के दौरान बाघ द्वारा महिला पूजा मार दी गई पूजा के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है।
समाजवादी लोकमंच के संयोजक मनीष कुमार व ललित उप्रेती ने आज बाघ के हमले से प्रभावित अंकित व पूजा देवी के परिजनों से मुलाकात की।
अंकित के पिता सूरज ने बताया कि 2 नवंबर को बाघ के हमले से घायल अंकित को रामनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां पर इलाज की व्यवस्था न होने पर उसे सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया गया। वहां भी इलाज न होने पर उसे ऋषिकेश एम्स में इलाज के लिए भेजा गया परंतु वहां भी बेड ना होने की वजह से उसे उसका इलाज नहीं मिल पाया।
उन्होंने बताया कि कई अस्पतालों में चक्कर काटने के बाद घायल अंकित को कैंप गंभीर अवस्था में मनिपाल अस्पताल गुड़गांव में भर्ती कराया गया है जहां पर उसके इलाज में 20 से 25 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। परंतु वन प्रशासन व सरकार ने अभी तक कोई भी मदद नहीं की है उन्होंने इसकी गुहार उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की है।
मुनीष कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में जंगली जानवरों के हमले जनता के ऊपर लगातार बढ़ रहे हैं और सरकार लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि समय रहते यदि बाघ को पकड़ लिया जाता तो पूजा देवी तथा दो अन्य लोगों को बाघ के हमले से बचाया जा सकता था।
ललित उप्रेती ने कहा कि सरकार ने यदि तीन दिनों के भीतर आदमखोर बाघ को नहीं हटाया तथा घायल अंकित व मृतक पूजादेवी के परिजनों की मदद नहीं की तो क्षेत्र की जनता आंदोलन के लिए विवश होगी जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार एवं वन प्रशासन की होगी।
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