
चंपावत। लोहाघाट विकास खंड के मंगोली गांव में पिछले कई दिनों से आतंक का पर्याय बने गुलदार को वन विभाग की टीम ने पिंजरे में कैद कर लिया है। 12 नवंबर को धूरा तोक निवासी भुवन राम की जान लेने के बाद पूरे क्षेत्र में फैली दहशत अब कुछ कम हुई है। हालांकि पकड़ा गया गुलदार वही आदमखोर है या नहीं, इसकी पुष्टि डीएनए परीक्षण से की जाएगी।
इससे पहले 17 नवंबर की सुबह च्यूरानी गांव में भी एक गुलदार पिंजरे में कैद किया गया था, जिसके बाद लगातार दूसरी बड़ी सफलता वन विभाग के हाथ लगी है।
रात में कैद, सुबह रेंज मुख्यालय पहुंचाया गया
उप प्रभागीय वनाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि शनिवार देर रात मंगोली क्षेत्र में लगाया गया पिंजरा सक्रिय हुआ और गुलदार उसके अंदर कैद हो गया।
रविवार सुबह वन कर्मियों—अजय टम्टा, रोहित मेहता, हिमांशु ढेक, मोनिका बोहरा, गरिमा, रियाज अहमद और प्रकाश चंद्र जोशी—की टीम ने गुलदार को सुरक्षित पिंजरे सहित रेंज मुख्यालय लोहाघाट पहुंचाया, जहां से उसे अल्मोड़ा रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया।
उन्होंने बताया कि गुलदार नर है और उम्र लगभग 7–8 वर्ष आंकी गई है। डीएनए परीक्षण के लिए उसके नमूने ले लिए गए है।
गांव में फैली दहशत, महिलाएं खेतों तक नहीं जा पा रही थीं
12 नवंबर की घटना के बाद मंगोली और आसपास के गांवों में लोग भयभीत थे। महिलाएं खेतों में नहीं जा रही थीं और बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे थे।
वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए 5 पिंजरे, 15 कैमरा ट्रैप और ड्रोन सर्विलांस की व्यवस्था की थी, लेकिन गुलदार लगातार बचता रहा।
आखिरकार शनिवार रात पिंजरे में कैद होने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है और क्षेत्र में सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
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