रामनगर-पीपीपी मोड में सरकार द्वारा दिए गये सँयुक्त चिकित्सालय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने शुरू हो गये है।यह आरोप लैब में कार्यरत कर्मचारियों पर छात्रों ने लगाये हैं।उनका आरोप है कि आर्मी की तैयारी कर रहे छात्रों को कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव देने के एवज में 5 सौ से 1 हज़ार रुपये ऐंठे गये है।
रामनगर रामदत्त जोशी सँयुक्त चिकित्सालय में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।यूथ फाउंडेशन पीरुमदारा के आर्मी की तैयारी कर रहे छात्रों को रामनगर पीपीपी मोड पर गए संयुक्त चिकित्सालय के लैब में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा 100 से ज्यादा युवकों से 500 से 1000 रुपए लेकर थमाई गई कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट मामला सामने आने पर अस्पताल प्रशासन में मचा हड़कंप.आपको बता दें कि लैब कर्मचारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट के एवज में युवकों से 500 से 1000 रुपए लिए गए।जबकि संयुक्त चिकित्सालय में कोरोना की रिपोर्ट फ्री में होती हैं।वहीं इस मामले में कर्मचारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट में नोडल अधिकारी प्रशांत कौशिक की मुहर भी लगी हुई है।
जबकि साइन किसी और के हैं।इस विषय में नोडल अधिकारी डॉक्टर प्रशांत कौशिक ने बताया कि उसमें जो साईंन किये गए है,वह उनके नहीं है जिसको लेकर वह रामनगर कोतवाली में एफ आई आर कराने जा रहे हैं.साथ ही उन्होंने कहा कि रामनगर संयुक्त चिकित्सालय में 2 माह पूर्व से रेपिड एंटीजन नहीं किए जा रहे हैं।नोडल अधिकारी का कहना है कि 100 से ज्यादा युवकों को 21 तारीख को ही 27 दिसंबर की रिपोर्ट दी गई है. जबकि इस फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट के एवज में ₹500 से 1000 हज़ार रुपये लिए गए हैं।वहीं रामनगर चिकित्सालय के निदेशक राकेश ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में भी आया हैं वहीं उनके द्वारा भी रामनगर कोतवाली में तहरीर देने के साथ ही जांच शुरू कर दी गई है।
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