उत्तराखंडकुमाऊंनैनीताल

वन विभाग के लिए आदमखोर बाघ बना चुनौती बाघ को पकड़ने के लिए विभाग ने लगाए पिंजरे ग्रामीणों में बाघ की दहशत व्याप्त

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रामनगर(उत्तराखंड):तराई पश्चिमी वन प्रभाग हमलावर बाघ को पकड़ने के लिए कोशिशों में जुटा हुआ है।इसके लिए विभाग ने दो पिंजरे घटना स्थल के आसपास लगाए हैं।जबकि बाघ पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन और कैमरा ट्रैप का सहारा लिया जा रहा है।बीते गुरुवार को बाघ ने एक महिला पर हमला कर मारडाला था और तीन युवकों को घायल कर दिया था।जिसके बाद आतंक का पर्याय बने बाघ की दहशत व्याप्त है जिसको पकड़ने के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है।

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गौरतलब है कि तराई पश्चिमी वन प्रभाग की आमपोखरा रेंज के हाथीडगर में खेत में बकरी चरा रही पूजा नामक महिला पर बाघ ने हमला कर दिया था,जिसमे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी,और बाइक सवार तीन लोगो पर भी बाघ ने हमला कर उन्हे घायल कर दिया था।इससे एक सप्ताह पूर्व भी बाघ ने एक व्यक्ति पर हमला कर उसे घायल कर दिया था।

गुरुवार को हुए हमले के बाद से क्षेत्र में बाघ की दहशत बनी हुई है।गुरुवार की शाम को ही वन महकमा हमलावर बाघ को आबादी क्षेत्र से जंगल की ओर खदेड़ने के लिए जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया था,लेकिन बाघ खेत में ही इधर उधर छिपता रहा।कड़ी मेहनत के बाद देर रात में बाघ को जंगल की ओर खदेड़ा जा सका।वही ग्रामीणों को कहना है कि कभी भी बाघ आबादी की ओर आ सकता है,जिसको लेकर बाघ का खतरा बना हुआ है लोग डरे सहमे हुए हैं। अतः हमलावर बाघ के पकड़ कर रेस्क्यू सेंटर अथवा चिड़ियाघर में भेजा जाए।

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जबकि तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश चन्द्र आर्य ने शुक्रवार सुबह मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि वन विभाग का प्रयास रहेगा कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए तराई पश्चिमी वन प्रभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए हाथीडगर में दो पिंजरे लगा दिए है। वन विभाग का पहला प्रयास यही है कि हमलावर बाघ को आबादी क्षेत्र की ओर घुसने से रोका जाए और उसे जंगल की ओर खदेड़ दिया जाए। अभी बाघ को जंगल की ओर खदेड़ दिया गया है, लेकिन बाघ के पुनः आबादी क्षेत्र में घुसने का खतरा हैं।