रामनगर।उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल ने याचिकाकर्ता की अपील पर सुनवाई करते हुए कर दाता के रद्द हुए पंजीकरण को बहाल करने का फैसला सुनाया है।सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स अधीक्षक द्वारा कॉर्बेट यात्रा टूर एंड ट्रैवल का जीएसटी पंजीकरण रद्द कर दिया गया था।जिसके बाद केंद्रीय अपीलीय अधिकारी देहरादून से भी वाद खारिज कर दिया गया था।तदुपरांत पीड़ित ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद उन सभी जीएसटी कर दाताओं को लाभ होगा जिनके पंजीकरण विभाग द्वारा निरस्त कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि रामनगर के वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव अग्रवाल और एडवोकेट फैज़ूल हक़ ने बताया कि अधीक्षक सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स के आदेश के ख़िलाफ़, जिसमें कर दाता कॉर्बेट यात्रा टूर एंड ट्रैवल का जीएसटी पंजीकरण रद्द कर दिया गया था और केंद्रीय अपीलीय अधिकारी देहरादून से भी वाद खारिज कर दिया गया था।उसके बाद उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड में एक याचिका कमिश्नर, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स देहरादून और अधीक्षक, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स रामनगर के ख़िलाफ़ दाखिल की थी।इस पर उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड ने संज्ञान लेते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया है।उन्होंने बताया कि उक्त वाद में याचिकाकर्ता का जीएसटी पंजीकरण निरस्त कर दिया गया था।उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड ने अधिवक्ताओं के तर्क-वितर्क के बाद तत्काल याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय करते हुए अधीक्षक, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स, रामनगर के आदेश को रद्द कर दिया है,और कमिश्नर, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स देहरादून और अधीक्षक, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स को जीएसटी पंजीकरण बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं।इस वाद के निर्णय से सभी जीएसटी कर दाताओं को लाभ होगा, जिनके पंजीकरण विभाग द्वारा निरस्त कर दिए गए हैं।बताया कि वे सभी इस निर्णय से लाभान्वित होंगे।
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