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रामनगर(उत्तराखंड):भारत सरकार के एकमात्र आयुर्वेदिक दवा कारखाने आईएमपीसीएल का विनिवेश रद्द करने व ठेका श्रमिकों के पीएफ के बकाया 1.12 करोड रुपए का भुगतान किए जाने आदि मांगों को लेकर आगामी 8 दिसंबर को कारखाना गेट पर आहूत मजदूर किसान पंचायत को सफल बनाने के लिए सल्ट व रामनगर क्षेत्र में नुक्कड़ सभाएं कर जनता से पंचायत में भागीदारी का आह्वान किया।
इस दौरान ठेका मजदूर कल्याण समिति ने तहसीलदार सल्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया।सभा में किशन शर्मा ने कहा कि सल्ट क्षेत्र में 35 एकड़ में लगे इस कारखाने ने पिछले वित्तीय वर्ष में 45 करोड रुपए से भी अधिक राशि का मुनाफा अर्जित किया है। इस कारखाने से श्रमिकों एवं कर्मचारियों की ही जीविका नहीं चलती है बल्कि क्षेत्र के अन्य लोग भी बड़ी संख्या में गोमूत्र, जड़ी बूटियां कंडे व अन्य सामग्री कारखाने को सप्लाई कर अपनी जीविका चलाते हैं। इस कारखाने के विनिवेश से क्षेत्र से पलायन और भी अधिक बढ़ेगा।
समाजवादी लोकमंच के संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के 1600 से भी अधिक गांव भूतहा गांव घोषित हो चुके हैं। अल्मोड़ा क्षेत्र से बड़ी संख्या में पलायन हुआ है इस कारखाने के विनिवेश से पलायन और भी अधिक बढ़ेगा अत: इस कारखाने को बेचने से किसी भी शर्त पर रोका जाना चाहिए।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत ने कहा कि मोदी सरकार जनता को जाति धर्म के नाम पर बांटकर पूंजीपतियों का हित साथ रही है। पिछले 4 सालों में चार लाख करोड़ से भी अधिक की सरकारी संपत्तियां पूंजीपतियों को बेची जा चुकी हैं। उन्होंने आईएमपीसीएल के विनिवेश के खिलाफ सल्ट क्षेत्र की जनता से आगामी 8 दिसंबर को कारखाना गेट पर आयोजित मजदूर किसान पंचायत में भागीदारी का आह्वान किया।
इस दौरान सुरेश चंद्र, नारायण सिंह रावत, मुनीष कुमार, संतोष सिंह, किशन शर्मा, शेखर आदि उपस्थित थे।
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