
देहरादून।उत्तराखंड में बढ़ते मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं ने सरकार और वन विभाग दोनों की चिंता बढ़ा दी है। पर्वतीय क्षेत्रों में भालू और गुलदार के हमले लगातार लोगों की जान ले रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में बुधवार को हुई धामी कैबिनेट की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली-2025 (संशोधन) को मंज़ूरी दे दी है। इसके तहत अब वन्यजीव हमले में मृत्यु होने पर मृतक आश्रितों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
6 लाख से बढ़कर 10 लाख की राहत
अब तक यह राशि “मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली-2024” के अनुसार 6 लाख रुपये थी। लंबे समय से इसे बढ़ाने की मांग हो रही थी। कैबिनेट की मुहर के बाद अब यह राशि आधिकारिक रूप से 10 लाख कर दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हाल ही में वन्यजीव हमलों में जनहानि पर मिलने वाली सहायता को बढ़ाने की घोषणा की थी। इसी क्रम में टाइगर कंज़र्वेशन फ़ाउंडेशन फॉर सीटीआर की शासी निकाय की 10वीं बैठक में नियमावली में संशोधन की सिफारिश हुई, जिस पर अब सरकार ने अंतिम निर्णय ले लिया है।
घायल व्यक्तियों का इलाज अब सरकार कराएगी
मानव–वन्यजीव संघर्ष में घायल व्यक्तियों को अभी तक 2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। हालांकि मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की है कि भविष्य में घायल व्यक्तियों के इलाज का पूरा ख़र्च राज्य सरकार वहन करेगी। इस संबंध में शासनादेश जारी होना बाकी है।
बढ़ते हमलों ने बढ़ाई चिंता
प्रदेश के कई पहाड़ी इलाकों में भालू और गुलदार के हमलों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे ग्रामीण भयभीत हैं और वन विभाग भी सतर्क मोड में है। सरकार का दावा है कि बढ़ी हुई राहत राशि पीड़ित परिवारों को आर्थिक संबल देने में मदद करेगी।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें
👉 हमारे फ़ेसबुक पेज को लाइक/फॉलो करें


Subscribe Now




