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काशीपुर में बड़ा खुलासा: ₹8 लाख के 5,000 इंजेक्शन और 326 बोतल सिरप के साथ नशा तस्कर गिरफ्तार

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उधम सिंह नगर/काशीपुर। नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई के बीच काशीपुर पुलिस और एसओजी ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। संयुक्त कार्रवाई में पुलिस ने बिना लाइसेंस और बिना बिल के नशीली दवाओं की तस्करी कर रहे यूपी निवासी युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से ₹8 लाख मूल्य की कंट्रोल्ड ड्रग्स, जिनमें 5,000 इंजेक्शन और 326 सिरप की बोतलें शामिल हैं, बरामद हुईं।

चेकिंग में पकड़ा गया स्कूटी सवार तस्कर

बुधवार देर रात कोतवाली काशीपुर पुलिस और एसओजी की टीम टांडा बागवाला–टांडा उज्जैन रोड पर चेकिंग कर रही थी। तभी स्कूटी पर आ रहा एक युवक पुलिस को देखकर घबराहट में पड़ गया। शक होने पर पुलिस ने उसे रोका और स्कूटी में रखे बॉक्स की तलाशी ली।

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तलाशी में बाइनोर्फिन-ब्यूप्रेनोर्फिन इंजेक्शन आईपी के 200 कार्टन, जिनमें कुल 5,000 इंजेक्शन थे, बरामद हुए। साथ ही तीन पेटियों में रखी कोडीन फॉस्फेट और ट्राइप्रोलिडीन एचसीएल सिरप की 326 बोतलें भी मिली हैं।

“बिना लाइसेंस कंट्रोल्ड ड्रग्स की तस्करी” – एसएसपी मणिकांत मिश्रा

एसएसपी मणिकांत मिश्रा के अनुसार, बरामद दवाएं Controlled Drugs की श्रेणी में आती हैं, जिनका परिवहन बिना लाइसेंस पूरी तरह प्रतिबंधित है। मौके पर पहुंचे औषधि निरीक्षक ने पुष्टि की कि यह परिवहन NDPS एक्ट का स्पष्ट उल्लंघन है।

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पुलिस ने आरोपी की पहचान दीपक ठाकुर, निवासी शक्तिखेड़ा, थाना भगतपुर (मुरादाबाद, यूपी) के रूप में की है। आरोपी के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

नशा मुक्त भारत अभियान के बीच बड़ा झटका

सिर्फ दो दिन पहले देशभर में नशामुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ मनाई गई थी। देहरादून में सीएम धामी ने नशे को वैश्विक स्तर पर फैल रही ‘साइलेंट वॉर’ बताया था। काशीपुर में पकड़ी गई यह बड़ी खेप उनके बयान को वास्तविकता के और करीब ले आती है।

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कंट्रोल्ड ड्रग्स क्या होती हैं?

कंट्रोल्ड ड्रग्स वे दवाएं हैं जिनके दुरुपयोग की संभावना अधिक होती है, जैसे ओपिओइड आधारित दर्दनाशक इंजेक्शन और सिरप।
इनका अत्यधिक सेवन नशे की लत, ओवरडोज़ और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
इसीलिए सरकार इनके निर्माण, वितरण और परिवहन को कड़े नियमों के तहत नियंत्रित करती है।

1990 के दशक से ओपिओइड दवाओं के अत्यधिक उपयोग के कारण इनका दुरुपयोग और अवैध व्यापार बढ़ा है, जो आज भी एक गंभीर चुनौती बना हुआ है।